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21 Nov 2024, Thu

तबलीगी जमात मामला: प्रो मोहम्मद शाहिद को मिली ज़मानत, अभी नहीं होगी रिहाई

PRO SHAHID TABLIGI JAMAAT GET BAIL FROM COURT ALLAHABAD 1 150520

प्रयागराज, यूपी

ज़िले में तबलीगी जमात के लोगों को बिना अनुमति मस्जिदों में ठहराने के आरोप में गिरफ्तार हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को शुक्रवार को जमानत मिल गई। ज़िले के शिवकुटी थाने में दर्ज मुकदमे में सीजेएम कोर्ट ने 20 हजार के दो मुचलके पर ज़मानत अर्जी मंजूर करते हुए रिहाई के निर्देश दिए।

प्रो शाहिद ज़मानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। दरअसल, उनके खिलाफ शाहगंज थाने में दर्ज मुकदमे में अभी तक उन्हें ज़मानत नहीं मिली है। प्रोफेसर पर महामारी एक्ट के साथ ही विदेशी जमातियों को मस्जिद में ठहराने का आरोप पुलिस ने लगाया है।

कोरोना बीमारी के चलते विदेशी जमातियों को मदद करने के आरोप में इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद खिलाफ दर्ज मुकदमे में कार्रवाई करते हुए शाहगंज पुलिस ने सीओ कार्यालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस मामले में इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद समेत 18 लोग आरोपी बनाये गए है।

इससे पहले करेली थाना पुलिस ने थाईलैंड के नौ नागरिकों समेत 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। दोनों थानों में दर्ज मामलों में कुल 30 लोग 21 अप्रैल को जेल भेजे गए थे। वहीं शिवकुटी थाने में प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज मुकदमे की भी चार्जशीट दाखिल हो गयी थी।

यूनिवर्सिटी से निलंबित हो चुके हैं प्रो शाहिद
इंडोनेशिया के सात नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आये थे। वे धार्मिक कार्यक्रम में तबलीगी जमात में शामिल हुए। 21 मार्च को वे दिल्ली से बिहार के गया जा रहे थे। बीच रास्ते में उन्हें लॉकडाउन की सूचना मिली तो सभी प्रयागराज में उतर गए। यहां पर इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद की मदद से सभी विदेशी जमातियों ने शाहगंज थाना क्षेत्र में स्थित अब्दुल्लाह मस्जिद में शरण ली।

पुलिस का आरोप
पुलिस का आरोप है कि इस मामले में प्रोफेसर शाहिद के साथ ही मस्जिद के मुतवल्ली समेत अन्य ने विदेशियों के मस्जिद में ठहरने की कोई जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी। जिसके बाद 31 मार्च की रात पुलिस ने छापेमारी कर मस्जिद से 38 लोगों को क्वारेंटीन किया था। इनमें से 17 लोगों के खिलाफ पुलिस ने शाहगंज थाने में नामजद मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसमें सात इंडोनेशियाई जमाती भी शामिल है। इसमें से एक इंडोनेशियाई जमाती की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसकी बाद में जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था।