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26 Dec 2024, Thu

लखनऊ, यूपी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को डराने की राजनीति करार दिया। उन्होंने शुक्रवार को लखनऊ में कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में एनआरसी की कार्रवाई की गई तो सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश छोड़ना पड़ेगा। जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी लागू करने के मुख्यमंत्री योगी के बयान के बारे में पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा ‘यूपी में एनआरसी लागू होगा तो सबसे पहले उन्हें (योगी) ही वापस जाना होगा। वह तो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। हमारे लिए तो आप यह अच्छी खबर बता रहे हैं।’

डराने की सियासत का जरिया है एनआरसी: अखिलेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, “एनआरसी केवल डराने की राजनीति है। पहले ‘बांटो और राज करो’ की राजनीति होती थी, अब डर की राजनीति हो रही है। हमने बांटने वालों को तो भगा दिया। अब हम सब मिलकर जनता को समझाएंगे, तब ये डराने वाले लोग भी सरकार से हट जाएंगे।”

तो कश्मीर में इतनी बंदिशें क्यों हैं?
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे से कश्मीर के हालात को जोड़ते हुए कहा, सवाल यह है कि कश्मीर में घरों में बीमारों को इलाज मिल रहा है या नहीं? बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं, उन्हें सब कुछ मिल रहा है या नहीं? सरकार कह रही है कि हालात सामान्य हैं। अगर वाकई कश्मीर में हालात सामान्य हैं तो वहां इतनी बंदिशें क्यों हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा पाकिस्तान का नाम लेकर वोट मांगती है और उसी पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी। पाकिस्तान से ज्यादा तो चीन से खतरा है, इसलिए सीमाओं को सुरक्षित करना जरूरी है।

खजांची के परिवार को 10 हजार रुपए महीना दें पीएनबी या आरबीआई
अखिलेश ने वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान एक बैंक के बाहर लगी कतार में जन्मे बच्चे खजांची का जिक्र करते हुए कहा कि वह पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बड़े अफसरों से अपील करते हैं कि वे उस बच्चे को गोद ले लें। उन्होंने कहा कि सपेरा समाज से ताल्लुक रखने वाले खजांची और उसके परिवार के पास खाने तक को नहीं है। इस समाज के लोग आज भी भीख मांगकर खाना खाते हैं। अखिलेश ने कहा कि, “मैं पीएनबी के अफसरों से कहूंगा कि सीएसआर के पैसे से खजांची के परिवार का घर बनवाएं और 10 हजार रुपए महीना दें। नहीं तो आरबीआई दे।”

By #AARECH