लखनऊ, यूपी
यूपी के सीएम अखिलेश यादव अपने पिता और पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और चचा शिवपाल सिंह यादव पर भारी पड़े। उनकी हठ के आगे पार्टी झुकना ही पड़ा। सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में कौमी एकता दल के विलय को रद्द कर दिया गया। इस बात की जानकारी सपा महासचिव प्रो राम गोपाल यादव ने दी।
मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का पिछले दिनों सपा में विलय का एलान किया गया था। पार्टी के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बाकायदा पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके इसका एलान किया था। आज समाजवादी पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में विलय का फैसला रद्द करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही कौमी एकता दल का सपा में विलय कराने के सूत्रधार रहे बलराम यादव की कैबिनेट में वापसी हो गई है।
संसदीय बोर्ड की बैठक में चार अहम फैसले लिए गए। पहला फैसला कौमी एकता दल के विलय को रद्द करने का रहा। 2 घंटे तक चली समाजवादी पार्टी की बैठक में ये फैसला लिया गया। इस फैसले से एक बात साफ हो गई कि अपने चाचा शिवपाल यादव पर सीएम अखिलेश यादव भारी पड़ गए हैं। दूसरा अहम फैसला बलराम यादव की अखिलेश मंत्रिमंडल में वापसी का है। कौमी एकता दल के एसपी में विलय से सीएम नाराज़ हो गए थे। इस विलय के सूत्रधार रहे बलराम यादव को सीएम अखिलेश ने अपने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। लेकिन अब विलय रद्द होते ही बलराम यादव की वापसी हो गई।
इसके अलावा दो और अहम फैसले इस बैठक में लिए गए। अब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी का चुनाव से ऐन पहले पुनर्गठन करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूरे सूबे में रथयात्रा निकालेंगे। माना जा रहा कि वो चुनाव से पहले हवा का रुख भांपने के लिए हर जिले का दौरा करेंगे।