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18 Oct 2024, Fri

अजमेर दरगाह के दीवान गद्दी से बेदखल, मोदी से की थी बीफ बैन की मांग

अजमेर, राजस्थान

ख्वाजा मोइनुद्दीन ​चिश्ती की दरगाह फिलहाल सियासी अखाड़ा बन गई है। दरगाह के दीवान जैनुल आबदीन ने मुसलमानों से बीफ नहीं खाने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने तीन तलाक का विरोध करने का फैसला किया था। अब जैनुल आबदीन की दरगाह के दीवान की गद्दी से बेदखल कर दिया गया है। जैनुल आबदीन के भाई अलाउद्दीन अलीमी ने जैनु आबदीन की बेदखली का एलान करते हुए दीवान की गद्दी पर खुद को सज्जादानशीन घोषित कर दिया।

अलाउद्दीन अलीमी ने बताया कि जैनुल आबदीन का तीन तलाक को लेकर दिया गया बयान गलत है। इसके बाद वह एक मुफ्ती से मिले थे। उसके बाद प्रमुख मुफ्तियों से मिलकर जैनुल आबदीन के खिलाफ फतवा जारी करने की सलाह दी। अब नये सज्जादानशीन आलीमी ने देश के प्रमुख मौलवियों से मांग की है कि वे जैनुल आबदीन के खिलाफ फतवा जारी करें।

अलीमी ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार की रजामंदी के बाद दीवान की गद्दी पर कब्जा ​ले लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि दीवान की गद्दी पर कब्ज़ा मजलिसे आमला और आम जायरीनों की मौजूदगी में किया गया। जानकारों के मुताबिक मौजूदा दरगाह दीवान के इंतकाल के बाद भी दीवान की गद्दी पर दूसरा कोई बैठ सकता है। हालांकि अभी तक जैनुल आबदीन ने इस सबंध में कुछ नहीं कहा है।

मालूम हो कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज और प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबदीन अली खान ने उर्स के मौके पर एलान किया था कि वह बीफ कभी नहीं खाएंगे। साथ ही, उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वे भी बीफ नहीं खाएं। उन्होंने गाय को भी राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग केन्द्र सरकार से की है। साथ ही जैनुल आबदीन ने तीन तलाक के लिए राय दी थी कि एक समय में तीन तलाक को शरीयत ने नापसंद किया है।