गया जिले के मोहनपुर पंचायत की घटना है। जिस दिन देश 72वीं आज़ादी का जश्न मना रहा था उस दिन मोहनपुर की एक पंचायत ने गैंग रेप की पीडिता को सज़ा सुनाई। गैंग रेप की पीडिता लड़की के बाल ज़बरदस्ती काटे गए और उसे पूरे गांव में घुमाया गया।
पीड़ित लड़की और उसके परिवार के गांव से बाहर जाने पर रोक लगा दिया गया ताकि बात बाहर ना जाए। मीडिया में रिपोर्ट ना छपे। पुलिस में मामला ना दर्ज हो।
स्थानीय अख़बार की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ गांव द्वारा लगाए रोक के बाद भी पीड़ित लड़की और उसकी मां अपने एक संबंधी के साथ रविवार को एएसएसपी कार्यलय पहुंची। एसएसपी के आदेश पर महिला थाने में केस दर्ज करवाया गया।
इस रिपोर्ट में अख़बार आगे लिखता है कि पीड़ित लड़की का मेडिकल करवाया जा रहा है और उसके बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी होगी। एसएसपी ने सम्बंधित थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।
लकड़ी की मां ने पुलिस को दिए अपने आवेदन में कहा है कि 14 अगस्त को गांव के पास ही उसकी बेटी शौच के लिए गई थी। उसी वक़्त वहाँ से एक सवारी गाड़ी गुज़र रही थी जिसमें सवार छ लोगों ने उसे जबदस्ती गाड़ी में बिठा लिया। लड़की के ग़ायब होने के दूसरे दिन 15 अगस्त को बेहोशी की हालत में बग़ल के गांव के पंचायत भवन की छत पर उसे पाया गया। स्थानीय लोगों ने लड़की को पहचान लिया और उसे घर पहुँचा दिया।
घटना की जानकारी गांव में फैली। पंचायत बैठी और दोषियों की खोज-ख़बर लेने के बजाए लड़की को ही सज़ा दी गई। पंचायत में नाबालिक लड़की के बाल काटे गए फिर उसे पूरे गांव में घुमाया गया। पीडिता के परिवार को धमकाया गया और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। गांव की मुख्य सड़क पर लोग निगरानी करते थे जिस वजह से पीड़ित परिवार को पुलिस तक पहुँचने में 12 दिन का समय लग गया।