Breaking
22 Nov 2024, Fri

आखिर पीस पार्टी का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन क्यों ?

PEACE PARTY ALLIANCE WITH SAMAJWADI PARTY 1 081217

सफदर उमर खान की फेसबुक वाल से

लखनऊ, यूपी

पीस पार्टी जो कल तक समाजवादी पार्टी को कभी मुसलमानों के 18% आरक्षण के वादों को लेकर कोसती थी तो कभी बीजेपी का कथित रुप से सहयोगी होने की बात करती थी। आज उसी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। आज उसी समाजवादी पार्टी के साथ हिस्सेदारी की बात कर रही है पीस पार्टी।..????क्यों

पीस पार्टी को मुसलमानों पर भरोसा नहीं रहा और आज अकेले होने की बात करने लगे। आप कहते हो “वक़्त के साथ चलना चाहिए” भईया वक़्त तो अभी बीजेपी का है तो क्या पीस पार्टी को बीजेपी के साथ भी गठबध्दन करने से गुरेज़ नहीं..???? शर्म करो…। आपके पार्टी के अध्यक्ष में अगर ज़रा भी बची है तो उनसे कहिए ज़मीनी काम करें और कार्यकर्ताओं का सम्मान करें। पार्टी के कार्यकर्ता ही असली सैनिक होते हैं। कार्यकर्ताओं द्वारा किए गये फ़ोन तक रिसीव नहीं किए जाते..। पार्टी के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा न करें। बड़ी बड़ी बातें न करें और किसी अन्य को दोषी न ठहराऐं… अपना विश्वास कार्यकर्ताओं में सुदृड़ करे़।

पीस पार्टी के इन्ही दोगले नीति के कारण पीस पार्टी को मैंने त्याग दिया। अरे मैं क्या मुझ जैसे या यूँ कह लीजीए मुझसे भी कितने बेहतर हस्तियों ने पीस पार्टी से अपना दामन छुड़ा लिया। अरे जिस पार्टी का मुखिया खलीलाबाद में काम की दुहाई देते फ़िरते थे..??? वो गत विधान सभा में अपनी सीट तक तो बचा नहीं सके। कहाँ गया उनके द्वारा किया गया काम,,??? क्यों खलीलाबाद का जनादेश उनके विरुद्ध आया। क्यों..??? ख़लीलाबाद की जनता ने अपने मसीहा को क्यों नही जिताया..।

यहाँ तक की डुमरियागंज के निकाय चुनाव का रिज़ल्ट देख लो… बात करते हो…। अब भी सम्भल जाओ। तक़ब्बुर और अपने घमण्ड को छोड़ खुदा रब्बुल आलमीन पर भरोसा रखो। ज़मीनी काम करो। जिस दिन पीस पार्टी से तक़ब्बुर, घमण्ड निकल जाएगा जल्द ही इन्शाह अल्लाह रहमान पीस पार्टी पुरी अक्सरियत में आएगी। आमीन !!!!

यह सफ़दर ख़ान का अटल और अटूट विश्वास है।

(सफदर खान पीस पार्टी में सक्रिय रहे हैं और सोशल मीडिया पर बेबाकी से लिखते हैं)