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22 Dec 2024, Sun

डॉ अशफाक़ अहमद

अहमदाबाद, यूपी
क्या कांग्रेस पीएम मोदी और बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति की काट के लिए खुद हिंदुत्व की राह पर है। क्या कांग्रेसी नेताओं को लगता है कि सत्ता में वापसी के लिए हिंदुत्व कार्ड ही दाव बचा है। ये सवाल इसलिए भी अभर कर सामने आ रहा है कि कट्टर हिंदुत्व सम्राट का खिताब पाए जब प्रवीण तोगड़िया अस्पताल में भर्ती हुए तो उन्हें देखने के लिए कांग्रेस के गुजरात कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोड़वाडिया सबसे पहले पहुंचे। इससे पहले राहुल गांधी गुजरात के चुनाव में कई मंदिरों में गए थे। ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपनी रणनीति बदल रही है।

ऐसा भी कहा कि जा रहा है कि प्रवीण तोगड़िया से हार्दिक पटेल और कांग्रेस के नेताओं ने गुजरात चुनाव में भी संपर्क किया था। पर इस खबर की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। जब कांग्रेस और पाटीदार समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती दे रहे थे तो क्या उस समय भी किसी कांग्रेसी नेता ने तोगड़िया से मुलाकात की थी। दरअसल खबरें कई तरह की सामने आ रही हैं पर इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा रहा है। तोगड़िया की छवि के बारे में सबको पता है।

प्रवीण तोगड़िया का मीडिया के सामने दावे करने से भी बड़ी खबर अर्जुन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया का फौरन उनके कमरे में जाकर मुलाकात करना बन गई। चैनल और अखबार इस बारे में ही बात करने लगे। तोगड़िया और मोडवाडिया की सौहार्दपूर्ण माहौल में मुस्कुराती हुई तस्वीर सामने आने के बाद ये बात कहना सही होगा कि राजनीति में कोई स्थाई दुश्मनी नहीं होती।

काफी हो हल्ला मचने के बाद कांग्रेस को तोगड़िया-मोडवाडिया की मुलाकात पर सफाई देनी पड़ी। मोड़वाडिया मुलाकात करते वक्त ये भूल गए कि वह किससे मिलने जा रहे हैं या फिर ये मुलाकात आलाकमान को पता था। एक तरफ कांग्रेस के कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी, आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल के बारे में कहते है कि यह अपने आप में एक तरह के आतंकवादी हैं। वो कहते है कि अगर वो समाज का सौहार्द और भाईचारा बिगाड़ने में लगे हैं या सांप्रदायिकता फैलाते हैं तो उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ उनकी पार्टी का एक बड़ा नेता प्रवीण तोगड़िया से मुलाकात करता है। अंदाजा ही लगाया जा सकता है कि जब तोगड़िया मोडवाडिया से मिले तो उन्हें सिद्धारमैया की टिप्पणी याद रही होगी या नहीं।

फिलहाल वीएचपी और संघ परिवार में प्रवीण तोगड़िया हाशिए पर आ गए हैं। वह वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष हो सकते हैं, लेकिन यह नामांकित पद है और पार्टी अध्यक्ष की इच्छा पर बनाया गया है। हकीकत यह है कि वीएचपी में आंतरिक तनाव इतना बढ़ गया है कि इसे नए अध्यक्ष का चुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना पड़ा। यह चुनाव तोगड़िया का भविष्य तय करेगा और संघ परिवार का एक प्रभावशाली हिस्सा तोगड़िया को शक्तिशाली स्थिति में नहीं देखना चाहता।