अज़ीम सिद्दीक़ी
जौनपुर, यूपी
वर्तमान भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार केंद्र सहित उत्तर-प्रदेश में भी विराजमान है। अन्य प्रदेशों के अपेक्षा उत्तर-प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए आक्सीजन की तरह है। बीजेपी की सरकार बनाने के लिए जनता से भ्रष्टाचार को समाप्त करने जैसे तमाम वादे करके जनता जनार्दन का दिल जीत कर सत्ता की कुर्सी हथियाने में पार्टी सफल रही। यह सोच कर की भ्रष्टाचार खत्म होगा और कार्यों में पारदर्शिता आएगी। जनता के हितों को ध्यान में रखकर सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही है। जिसके लिए तमाम तरह की योजनाएं लागू कर दिया है। मृतकों के बैंक खाते में पेंशन (PENSION) की धनराशि निर्बाध गति से जारी अभी जारी है।
लेकिन हकीकत धरातल पर कुछ और ही है। समाजकल्याण विभाग नारद मोह में पूरी तरह से लिप्त है। पूरा पंचायती विभाग चीर निंद्रा में सोता हुआ नज़र रहा है। एक कहावत है कि अंधेरे नगरी चौपट राजा जो खूब चरितार्थ प्रतीत सी हो रही है। विकास खण्ड सोंधी के लगभग एक दर्जन ग्राम सभाओं मे एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत जब पड़ताल की गई तो औसतन 15 नाम ऐसे मिले जिनकी 3 वर्ष पूर्व ही मौत हो चुकी है। लेकिन वृद्धा पेंशन का लाभ आज तक मिल रहा है। मृतकों के बैंक खाते में पेंशन (PENSION) की धनराशि निर्बाध गति से जारी अभी जारी है।
113 ग्राम सभाओं वाले सोंधी ब्लॉक के एक दर्जन गांव में पड़ताल का सच
प्रदेश की वर्तमान सरकार जनता के लिए भले ही विकास के लिए कटिबद्ध है। लेकिन उनके कर्मचारी सरकारी योजनाओं में लूट-खसोट सरकारी मुलाजिमों के चलते किस कदर मची है। यह किसी से छिपा नहीं है। यह मामला उस समय उभर कर आया जब संवाददाता ने इसकी गर्त में जाकर पड़ताल किया।
जिले के समाज कल्याण विभाग की वृद्धा पेंशन (OLD AGE PENSION) योजना का उक्त विकास खण्ड के एक दर्जन ग्राम सभा मे 25 महिला सहित 87 लोग ऐसे लाभार्थी हैं जो इस दुनिया से चले गए हैं। फिर भी परलोक में बैठ कर पेंशन ले रहे है। मृतकों के खाते में पैसा अभी भी बिना रोक-टोक के जा रहा है? उक्त विकास खण्ड के कुछ चुनिंदा ग्राम सभाओं पर नज़र डालें दंग रह जाएंगे।
मानीकला पर तो वहां मृतक असरफी, बरसाती, बेचन, बेइला, धर्मादेवी, झकडी, कौशला, राजाराम, रामनरेश, रामफेर, रामनाथ, भोरम, साईज, सामदेई, रामअवधू, अनूप, केवलाई, मोतीलाल आदि। ग्राम सभा आर्य नगर गोरारी में अब्बास, बंसू, धौला, मन्ना, पार्वती, हीरालाल, जान मोहम्मद, मंशालाल, शीतला आदि। इसी गाँव की कलालवती पत्नी रामलाल का खाते में पेंशन की धनराशि समाज कल्याण विभाग की मिली भगत से किसी और के खाते में पैसा जा रहा है जिसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से भुगतभोगी ने की है लेकिन कोई हल नही निकला।
ग्राम सभा उसरहटा में चेतई, जोवला, कुमारी, महबूब, मंजूर, सैफुलशाह, शीतला, जयराम, श्यामा देवी।
ग्राम सभा रानीमऊ में अशरफी, बलिहारी, बंशराज़, भागरथी, चंगु, चंद्रपति, धनसीरा, दुखनी,राजेन्द्र, रामदुलार।
ग्राम सभा रफीपुर में मेवालाल, रज्जी, रामबरन, रामराज, हज़ारी लाल, इनाजी, राधा, श्याम।
बारांकला में प्रोपति, जग्गी देवी, जमीला, जवाहर यादव, मुन्नीलाल, नन्दलाल, सतईराम, वक़ीलन।
इस तरह कुल 113 गांवो में से मात्र एक दर्जन गांवों की पड़ताल के बाद ये हाल है। जो सिर्फ वृद्धा पेंशन के आकड़े हैं। विकलांग पेंशन और निराश्रित महिला पेंशन की बात ही छोड़ दीजिए। अधिकतम तीन साल से चल रहा यह खेल, सरकारी खजाने का करोड़ों रुपया प्रतिवर्ष हो रहा है बर्बाद।
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उत्तर-प्रदेश सरकार वृद्धावस्था में जीवन को गुजारने के लिए पेंशन व्यवस्था की है। जिसमें पहले पात्रों को 300 रुपये प्रति माह की दर से पेंशन (PENSION) मिलती थी। लेकिन पूर्वती सरकार ने उसको बढ़कर 500 रुपये प्रति माह की दर से देना लागू कर दिया है। परन्तु सवाल इस बात का है कि पेंशन (PENSION) ज़िंदा लोगों को आसानी से नही मिल पा रहा है क्यों कि मृतकों का नाम लिस्ट से न कटने पर लक्ष्य पूरा नही हो पाता।
इसी के अभाव में या अभिलेखों की त्रुटि की वजह से पात्र पेंशन के लिए ब्लॉक का चक्कर काटते रहते है। और उन्हें उसका लाभ नही मिल पाता।500 रुपये प्रतिमाह की दर से एक पात्र लाभार्थी का एक वर्ष में कुल 6 हज़ार रुपये मिलता है।उक्त विकास खण्ड में कुल 113 ग्राम सभा है। महज़ एक दर्जन गांव की हालत यह है की जहाँ इतनी बड़ी संख्या में मुर्दे पेशन ले रहे है। बाकी अन्य गांवों का तो छोड़िए।
एक नज़र आकड़ों पर
एक व्यक्ति को प्रतिमाह 500 की दर से सालाना 6 हज़ार रुपया मिलता है। पड़ताल के हर गांव में औसतन 15 व्यक्ति ऐसे पाएं गए है। जिनका मृत्यु हो चुके है और वृद्धा पेंशन का लाभ आज तक ले रहे है। एक गांव से प्रतिवर्ष औसतन 90 हज़ार का सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। उक्त विकास खण्ड में कुल 113 राजस्व ग्राम पंचायत है। 90 हज़ार प्रति गाँव की दर से एक करोड़ एक लाख सत्तर हजार की चपत सिर्फ सोंधी ब्लाक से प्रतिवर्ष शासन को लग रही है।
जिले में कुल 21 ब्लाक है। सभी का यही हाल स इंकार नही किया जा सकता। यदि जिले के सभी ब्लाकों का औसत सिर्फ इतना ही मान लिया जाए तो। 21 करोड़ 35 लाख 70 हज़ार की क्षति प्रतिवर्ष सिर्फ जनपद जौनपुर में हो रही है। जिसका अतिरिक्त भार जिले की अर्थ व्यवस्था पर जा रही है। जिसके कारण जिले की अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ रही है। इतनी बड़ी धनराशि किसी सरकार द्वारा पेश किए गए किसी एक विभाग के बजट के बराबर है।
जिंदों से नहीं मुर्दो से डरते है विकास खण्ड सोंधी के अधिकारी?
विकास खण्ड शाहगंज सोंधी के अधिकारी अब जिंदा इंसानो से नहीं बल्कि मुर्दो से डरने लगे है। जिंदा व्यक्ति वृद्धा पेंशन के पात्र तो इधर-उधर भटक रहे है तथा दर बदर की ठोकर खाने के लिए विवश है। मृतक परलोक में बैठ कर आज भी वृद्धवस्था पेशन का लाभ उठा रहे है। इसका मतलब क्या समझ में आता है। या तो विकास खण्ड के अधिकारी मुर्दों से डरते हो या फिर इन मुर्दो से इनका सबन्ध गहरा हो। आप भी समझिये कितना महान है यहां के अधिकारी।
बोले ग्राम ग्राम प्रधान अधिकारियों की लापरवाही का है नतीजा
सभी पड़ताल वाले गांव में ग्राम प्रधानों से बातचीत के दौरान इस तरह के गम्भीर विषय पर चर्चा करते हुए ग्राम सभा अध्यक्षों ने बताया कि प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी सत्यापन के बाद मृतकों की सूची बनाकर शासन को पेंशन से नाम काटने के लिए दिया गया था। लेकिन वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कागार पर है अभी तक अधिकारियों की लापरवाही से सूची में से एक भी नाम नही कटा सका।
कुछ प्रधानों ने बताया कि मृतकों की सूची पर ध्यान दिलाकर ब्लॉक के जिम्मेदार अशिकारियों को कई बार याद दिलाया गया। फिर भी नाम नही कटा। ग्रामसभा की खुली बैठक में भी इसकी चर्चा की गई है। लेकिन अधिकारी जरा सा भी टस से मस नहीं हुए और ना ही आज तक कोई समाधान निकला। कुल मिलाकर सरकार एक तरफ अर्थ व्यवस्था सुधारने को लेकर चिंतित है। दूसरी तरफ इसके विरुद्ध लापरवाह अधिकारी शाख में बट्टा लगाने पर तुले हैं।
इस सम्बंद में मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला से बातचीत करने पर बताया कि मामला संज्ञान में नही है सम्बंधित विभाग से जानकारी लेकर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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