नई दिल्ली
तीन तलाक पर बिल आज मंगलवार को राज्य सभा में केंद्र सरकार बिल पेश करेगी। राज्य सभा में मोदी सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों की सेक्यूलरिज्म का असली परीक्षा है। मुसलमानों का सेक्यूलर के नाम पर पिछले 70 साल से वोट हासिल करने वाली कांग्रेस और दूसरे दल राज्य सभा में क्या रुख अपनाते हैं ये देखना काफी दिलचस्प होगा।
मालूम हो कि पिछले हफ्ते लोक सभा इसे पास कर चुकी है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) बिल को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सदन में पेश करेंगे। लोक सभा में आसानी से यह बिल पास करवाने वाले सत्ता पक्ष को बहुमत नहीं होने के चलते राज्य सभा में मुश्किल हो सकती है।
फिलहाल, राज्यसभा में एनडीए और कांग्रेस दोनों के ही पास 57-57 सीटें हैं। सरकार के सामने दिक्कत ये है कि बीजू जनता दल और एआईएडीएमके जैसी पार्टियां इस सदन में मोदी सरकार की मदद करती रही हैं लेकिन तीन तलाक बिल का विरोध कर रही हैं। ऐसे में अगर यह बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाता है तो इसक मतलब यह हुआ कि सरकार इसे विंटर सेशन में पारित नहीं करवा पाएगी। यह सेशन इस हफ्ते के आखिर में खत्म हो जाएगा।
लोक सभा में यह बिल 28 दिसंबर को पेश किया गया था। यह बिल लोक सभा में 7 घंटे के भीतर पास हो गया था। कई संशोधन पेश किए गए, लेकिन सब खारिज हो गए। इनमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भी तीन संधोधन थे, लेकिन ये भी खारिज हो गए।