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23 Dec 2024, Mon

गोरखपुर: पुलिस जांच में बेदाग निकले बच्चों के फरिश्ते डॉ कफील

DR KAFEEL FREE FROM GORAKHPUR INFANT DEATH TRAGEDY 1 261117

गोरखपुर, यूपी

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे में जिसमें ऑक्सीजन की कमी से दर्जनों बच्चों की मौत हुई थी। अब उस जांच में डॉ कफील अहमद पर पुलिस ने प्राइवेट प्रैक्टिस और भ्रष्टाचार के आरोप हटा लिए हैं। कफील अहमद के खिलाफ इन दो मामलों में पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला है। इस मामले में डॉ कफील के बेदाग होने के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके नायक बनने से परेशान नेताओं और अधिकारियों ने डॉ कफील को बलि का बकरा बनाया था। लोगों का कहना है कि बिना तथ्यों के आधार पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हो सकते थे।

गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बड़ा हादसा पेस आया था। इसमें दर्जनों नवजात बच्चों मौत के मुंह में समा गए थे। दरअसल कंपनी को कई महीने से पेमेंट न मिलने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी थी। इसके बाद ये हादसा पेश आया था। हादसे के तुरंत बाद ये नाम रातों-रात डॉ कफील ने ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए काफी मेहनत की और कई प्राइवेट अस्पतालों से सिलेंडर मंगवाया था। इसके साथ ही डॉ कफील ने कई अधिकारियों को फोन पर जानकारी दी थी। यहीं नहीं ड्यूटी खत्म होने के बाद भी वो रात भर अस्पताल में डटे रहे।

अस्पताल में मरीज़ों के परिजनों ने मीडिया को ये सब बातें बताई जिसके बाद मीडिया ने जनता के सामने तत्य पेथ किया और डॉ कफील एक फरिश्ते की तरह उभर कर सामने आए। इसके कुछ ही दिन बाद वो खलनायक बन गए। इसके बाद कहा गया कि डॉक्टर कफील इस हादसे के जिम्मेदार लोगों में से थे। अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस चलाने के लिए वो अस्पताल से सिलिंडर निजी क्लीनिक पर ले जाते थे। सोशल मीडिया पर एक कट्टरपंथी सोच ने उन्हें धर्म से जोड़कर उनके खिलाफ खूब प्रचार किया। इसी के बाद यूपी सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

डॉ कफील अहमद के खिलाफ लगे चार्ज भले ही हटा लिए गए हों मगर गोरखपुर में हुई बच्चों की मौतों से जुड़े कुछ सवाल हैं जो और भी बड़े हो गए हैं। क्या किसी भी व्यक्ति की नैतिकता को सिर्फ उसकी सोच या धर्म के आधार पर खत्म किया जा सकता है? क्या अब नए सिरे से जांच होगी और असल दोषी कौन है इसका पता लगाया जाएगा? क्या जिन लोगों ने उन्हें धर्म के नाम पर गाली थी वो अब उनसे माफी मागेंगे। क्या सरकार एक संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों के दबाव में आकर न्याय का गला घोटेगी। इस सवाल का जवाब हर कोई चाहता है।