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22 Nov 2024, Fri

लखनऊ, यूपी

शिया वक्फ बोर्ड के हलफनामे के बाद उठे विवाद में अब तक का सबसे बड़ा बयान आया है। शिया समुदाय के बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि बाबरी मस्जिद निर्धारित ज़मीन पर ही बन सकती है। मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि जो लोग मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद को शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं, उन्हें इसके बजाय अपनी निजी संपत्ति को मंदिर के लिए छोड़ देना चाहिए।

दरअसल अभी कुछ दिन पहले ही वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने कहा था कि मुसलमानों को राम मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद की जगह छोड़नी चाहिए और किसी मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद का निर्माण होना चाहिए। इस बयान के बाद तमाम मुस्लिम नेताओं की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है।

विवाद के बाद मौलाना कल्बे जव्वाद ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ‘जो लोग कह रहे हैं कि बाबरी मस्जिद की ज़मीन को मंदिर के लिए दे देना चाहिए, उन्हें सिर्फ अपनी ज़मीन इसके लिए देने का अधिकार है। वे मस्जिद के लिए तय की गई ज़मीन के लिए यह ऐलान नहीं कर सकते। जो चीज़ आपकी नहीं है, उसके बारे में फैसला लेने का आपके पास कोई अधिकार नहीं है। मस्जिद को शिफ्ट करने की वकालत करने वाले लोगों को अपना घर और संपत्ति इसके लिए दान कर देनी चाहिए।’

शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि वह उलेमाओं की राष्ट्रीय स्तर की संस्था मजलिस उलेमा-ए-हिंद और शिया समुदाय की ओर से यह बात रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही संस्थाएं इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिया समुदाय इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है, जिसकी राय है कि मस्जिद को शिफ्ट नहीं किया जा सकता और न ही उसकी ज़मीन किसी और को दी जा सकती है।