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22 Nov 2024, Fri

आज़मगढ़, यूपी

राजधानी के प्रेस क्लब में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने सख्त ऐजराज़ ज़ाहिर किया है। उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश सरकार आम जनता को संविधान में दिए गए अधिकार का खुला उल्लंघन कर रही है और लोकतंत्र की गला घोटने का काम कर रही है।

मालूम हो कि पूर्व आईपीएस अधिकारी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी, प्रोफेसर रमेश दीक्षित और उनके साथ दूसरे एक्टिविस्टों के साथ राजधानी लखनऊ के प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस करने वाले थे। इस प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश में दलितों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ आंदोलन की बात होने वाली थी।

मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं की योगी सरकार की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी उनके अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सीधा हमला है। ये भारतीय लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश है। पुलिस का ये कहना कि ये लोग सीएम योगी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले थे, इसलिए इन्हें गिरफ्तार किया गया है। ये ना सिर्फ हास्यपद है, बल्कि घोर निंदनीय है।

मौलाना रशादी ने कहा कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में हर उस आवाज़ को कुचल देना चाहती है जो किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार से उनका विरोध करना चाहती हो। मुस्लिम, दलित एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोग प्रमुख रूप से उसके निशाने पर हैं। ये तानाशाही रवैय्या देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का खुलेआम उल्लंघन है, जिसे कोई भी जागरूक नागरिक बर्दाश्त नही करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल इसकी कड़े शब्दों में इसकी निंदा करती है।