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18 Oct 2024, Fri

अब जारी होगा NEET यानी मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट का रिज़ल्ट

नई दिल्ली

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET) के नतीजे पर लगी रोक पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। तीन हफ्ते पहले मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने 8 जून को घोषित होने वाले रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सीबीएसई (CBSE) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने रिज़ल्ट जारी करने का आदेश दे दिया है।

मालूम हो कि इस रोक का असर 12 लाख छात्रों पर पड़ा था। करीब साढ़े दस लाख छात्रों ने हिंदी और अंग्रेजी सब्जेक्ट्स में यह एग्जाम दिया है। वहीं करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स रीजनल लैंग्वेज के जरिए इसमें शामिल हुए थे। मद्रास हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया था कि NEET में सभी लैंग्वेज में एक सा क्वेश्चन पेपर नहीं दिया गया था। 24 मई को कोर्ट ने इसके रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी थी। ऐसी ही एक पिटीशन गुजरात हाईकोर्ट में भी लगाई गई है।

क्या है पूरा मामला
इस साल NEET टेस्‍ट हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 8 लैंग्वेज में हुआ था। इसमें असामी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, कन्‍नड़, ओड़िया, तमिल और तेलुगू शामिल हैं। मदुरै बेंच में लगाई याचिका में कहा गया कि रीजनल लैंग्वेज में पूछे गए सवाल अंग्रेजी लैंग्वेज में पूछे गए सवालों के मुकाबले आसान थे। गुजरात हाईकोर्ट में एक पिटीशन दाखिल कर कहा गया था कि गुजराती में पूछे गए सवाल अंग्रेजी के मुकाबले मुश्किल थे। इस मामले में सीबीएसई ने कहा था कि सभी पेपरों को मॉडरेटरों ने तय करके एक ही लेवल का निकाला था।

एक्सपर्ट की राय
मेडिकल की तैयारी का हब लखनऊ में छात्रों की कोचिंग से जुड़े डॉ शाहनवाज़ खान ने पीएनएस को बताया कि किसी भी एक्ज़ाम का रिज़ल्द तय वक्त में ही आना चाहिए। रिज़ल्ट में देरी की वजह से एक तरफ तो सेशन लेट होता है वहीं दूसरी तरफ छात्र मानसिक अवसाद में ग्रस्त हो जाते हैं। डॉ कमलेस नारायन के मुताबिक NEET टेस्ट को लेकर लगातार भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देकर छात्रों को बड़ी राहत दी है।