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18 Oct 2024, Fri

वेस्ट यूपी: धर्म पर हावी है हिंदू-मुस्लिम जातिगत राजनीति

आसमोहम्मद कैफ की फैसबुक वाल से

सहारनपुर, यूपी

बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाति… धर्म से बड़ी होती है। पश्चिम यूपी के सहारनपुर में थानाभवन विधानसभा का यही संदेश है। यह विधानसभा पूरी तरह राजपूत बहुल्य है और योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा यहीं से विधायक है। मंत्री सुरेश राणा ने चुनाव में राव वारिश को हराया था। पिछले चुनाव में भी सुरेश राणा ही जीते थे। तब भी राव वारिश ही दूसरे स्थान पर रहे, 2007 राव वारिश विधायक बन गए थे और उन्होंने सुरेश राणा को हराया था।

सहारनपुर की इस विधान सभा में पहले भी यही परंपरा रही है। सुरेश राणा और राव वारिश दोनों राजपूत बिरादरी से है, बस इनका मज़हब अलग-अलग है। यहाँ बड़ी संख्या में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के राजपूत बिरादरी के गाँव है। कई तो एक ही खानदान के भी है। सहारनपुर में राजपूतों और दलितों के बीच विवाद बढ़ गया है। इस विवाद में सभी दलों के नेताओं के दलितों की सुध लेने से यहाँ के राजपूत काफी नाराज़ है। सबसे कमाल की बात यह है कि यह नाराज़गी मुस्लिम राजपुतों में है। बुंता, मसावी, भैंसानी जैसे मुस्लिम राजपूत गाँव में हर चौपाल की चर्चा है। यहां बाकायदा एक नारा बना दिया है, “राजपूत-राजपूत एक सामान हिन्दू हो या मुसलमान।”

जाति का ऐसा असर पास की विधान सभा कैराना में ही देखा जाता रहा है। यहाँ गुर्जर बिरादरी अपने को धर्म से ऊपर रखती है। आप गाँव में जाइये और बात कीजिये तो ये आपको चौंका देंगे। यहाँ तक कि वो बीजेपी के विरोध में है मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में हैं। इसकी वजह भी वो भी हमारे है जी “राजपूत” है। यहाँ ऐसी बहुत सी जाति है जैसे जाट समुदाय में भी मुस्लिम जाट और हिन्दू जाट है। ऐसी विधान सभा बुढ़ाना है। ऐसे ही मुस्लिम त्यागी और हिन्दू त्यागी समुदाय में आपस में बहुत लगाव है। कैराना में तो सांसद हुकुम सिंह और विधायक नाहिद हसन एक ही परिवार से है। वैसे खून ज़ोर मारता ही है।