जबलपुर, मध्य प्रदेश
केन्द्र की मोदी सरकार ज्वारा पशु क्रूरता अधिनियम में बदलाव किए जाने का ज़ोरदार विरोध हो रहा है। इस कानून में बदलाव के बाद खुले बाज़ार में पशुओं खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। केंद्र के इस फैसले के खिलाफ एसडीपीआई ने शहर में ज़ोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी का कहना है कि केन्द्र सरकार का फैसला अलोकतांत्रिक और पूजीपतियों को फायदा पहूंचाने वाला है। इस कानून से देश भर में करोड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
प्रदर्शन के दौरान एसडीपीआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इरफानुलहक ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ये काला कानून लोगों के खाने-पीने और उनके संवैधानिक मौलिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि एसडीपीआई इस कानून का हर तरीके से विरोध करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार पर गरीबों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे पूरे देश में लाखों लोग बेरोजगार हा जाएंगे।
प्रद4शन के दौरान कार्यकर्ता कार्यकर्ता करीमुल्ला मोमिन ने मोदी सरकार के इस बदलाव को काले कानून की संज्ञा दी। राष्ट्रपति के नाम एडीएम को सौंपे ज्ञापन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से अपील की गई है कि वह केंद्र सरकार के उक्त बदलाव को वापस लेने के लिए निर्देशित जारी करें ताकि गरीबों का हित सुरक्षित रहे।
कार्यक्रम का संचालन एसडीपीआई के ज़िलाध्यक्ष अफज़ाल अहमद ने किया। इस मौके पर जमिअतुल कुरैश के नेता शाकिर कुरैशी, रईस पहलवान, जाकिर कुरैशी, फुरकान अंसारी, मुश्ताक, महफूज, दिलशान, ऱहमान, कलीम, सददाम, साबिर अंसारी समेत सैंकडो लोग मौजूद थे।
बंगलुरु में भी प्रदर्शन
कर्नाटक के बंगलुरु में भी एसडीपीआई और दूसरे संगठनों ने इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन सिटी कार्पोरेशन में हुआ। यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता एस बालन बी शामिल हैं। एसडीपीआई के प्रदेश सचिव रियाज़ फरंगीपेट ने सिद्धारमैया सरकार के पर लज़ाम लगाया कि वो बीजेपी के नकशेकदम पर चल रही है।