लखनऊ, यूपी
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेका और पूर्व मंत्री आज़म खान के साथ पूरी पार्टी खड़ी नज़र आ रही है। पार्टी के विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने एक साथ बयान जारी करके कहा है कि मोहम्मद आज़म खां द्वारा मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना बीजेपी नेताओं की आंख की किरकिरी बन गई है। जबकि आज़म खां ने तालीम का इंतजाम करके एक नेक काम किया है। इन नेताओं ने कहा कि इस मामले पर पार्टी पूरी तरह आज़म खां के साथ है।
इन नेताओं के बयान में कहा गया है कि जौहर यूनिवर्सिटी में समाज के सभी वर्गो के छात्र-छात्राओं के दरवाजे खुले है। इसको लेकर उन पर तमाम अनर्गल बेबुनियाद आरोप लगायें जाने का अभियान चलाया जा रहा है, और उनकी छवि बिगाड़ने के प्रयास हो रहे हैं। जौहर यूनिवर्सिटी के बहाने मोहम्मद आज़म खां का अपमान और उत्पीड़न करने की साजिश हो रही है। इसमें दो राय नहीं कि मोहम्मद आज़म खां बीजेपी की सांप्रदायिकता और उसकी समाज को विभाजित करने की नीति की खुली खिलाफ रहे हैं।
इन नेताओं ने कहा कि आज़म खां धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले नेता है। 1975-76 में आपात काल के विरोध में और लोकतंत्र के बचाव में उन्होंने जेल यातना भी सही थी। उन्होंने हमेशा सामाजिक सद्भाव के लिए काम किया है। उनके नगर विकास मंत्री रहते सन् 2013 में इलाहाबाद में कुम्भ के सफल आयोजन की प्रशंसा साधु समाज ने मुक्त कंठ से की थी। विदेशी संस्थाओं ने भी उनकी सराहना की थी। यह बात बीजेपी को पच नहीं रही है।
बयान में कहा गया है कि किसी बहाने से मोहम्मद आज़म खां की आड़ में बीजेपी का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को आतंकित करने का भी है। बीजेपी और उसका मूल संगठन आरएसएस अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के लिए जाने जाते हैं। मोहम्मद आजम खां चूंकि अल्पसंख्यक समाज के एक सम्मानित और लोकप्रिय नेता हैं, इसलिए बीजेपी काफी समय से उनके बारे में दुष्प्रचार करती रही है। जौहर यूनिवर्सिटी को निशाने पर लेना तो उनकी अल्पसंख्यक विरोध की गहरी साजिश का ही एक हिस्सा है। बीजेपी सांप्रदायिक राजनीति करके ही सत्ता में पहुंची है।
उत्तर प्रदेश की जनता बीजेपी के मंसूबों से भली-भांति परिचित है। आज़म खां के उत्पीड़न के पीछे बीजेपी की दुर्भावनापूर्ण नीति है। समाजवादी पार्टी मोहम्मद आज़म खां के साथ पूरी मजबूती से खड़ी रहेगी। बीजेपी मोहम्मद आज़म खां के अपमान का अभियान जारी रखेगी तो समाजवादी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध करेगी।