आसमोहम्मद कैफ, सीनियर जर्नलिस्ट
सहारनपुर, यूपी
2011 से अब तक सहारनपुर के एसएसपी आईपीएस लव कुमार ने सोशल साइट फेसबुक पर 32 बार अपनी प्रोफाइल पिक में बदलाव किया है। इनमें उन्होंने चार बार अपनी फोटो लगाई है और 28 बार अपने बच्चों की उनके दो बच्चे हैं… एक बेटी और एक बेटा। बेटी रुंजुन बड़ी है, और बेटी 8 साल की है जबकि बेटा 6 का है।
मैं लिखने की हिम्मत नही जुटा पा रहा हूँ… हो सकता है आप पढ़ने की ना जुटा पाएं। सड़क दुधली में बवाल के बाद आतातियों की भीड़ ने सहारनपुर के एसएसपी लव कुमार के आवास पर हमला बोल दिया। एसएसपी बहुत बड़ी ताकत होता है, इतनी कि ज़िले के बड़े से बड़े गुंडे की पिंडली कांपने लगती है। एसएसपी सहारनपुर लव कुमार ऐसे ही ईमानदार और निष्पक्ष पुलिस अधिकारी हैं, मगर बवाल के वक्त गुंडों की पीठ पर खद्दर का हाथ था। भीड़ आवास तक चली गयी।
कहाँ है कप्तान ! आज साहब भी नही लगा ! एक अखबार लिखता है कि कप्तान साहब की पत्नी सहम सी गयी। दोनों बच्चों को खुद से चिपटा लिया और बंगले के पीछे गाय के पास जाकर बैठ गयी। बच्चे छोटे तो है मगर नासमझ नहीं हैं, सब समझते हैं। कम से कम प्यार और नफरत तो ज़रूर समझते है। बंगले पर फ़ोर्स भी नही थी और कप्तान साहब भी नही। सर्विलांस सेल के एक दारोगा ने कप्तान की जान में बसने वाले बेटी रुंजुन और उसके भाई को किसी तरह सुरक्षित किया।
किसी भी महिला को सबसे ज़्यादा कष्ट अतिक्रमण देता है। उसके शौहर की मर्ज़ी के बिना घर घुसने का अतिक्रमण… उसे हिला कर रख देता है। संयोग से उनकी पत्नी का नाम ‘शक्ति’ है। वो अडिग रही… निर्भीक रही मगर बच्चे ! उनकी तो चीख ही निकल गयी। शक्ति जब कमज़ोर होती है तो माँ बन जाती है।
आईपीएस लव कुमार एक बेहद काबिल अधिकारी रहे हैं। मुरादाबाद और अलीगढ में उनके काम की समीक्षा कीजिये तो आप समझ जाएंगे। किसी आईपीएस अफसर की ताकत का अंदाजा आपको होगा ही… तब तो आप उनकी तकलीफ समझ लीजिए। जब आईपीएस चुने गए… उन्हें यूपी कैडर मिला। कंधे पर आईपीएस लिखा गया तो उनके परिजनों का गर्व और पूरे अमरोहा में जश्न।
तब आप कैसा महसूस करते है कि खद्दर के पीछे छिपे गुंडे एक पुलिस कप्तान के घर में घुसकर ‘निकल बाहर ‘ का नारा लगा दे। समझ नही पा रहा हूँ कि यह सब हुआ कैसे। सहारनपुर के एसएसपी के घर पर हमले की खबर जब उनके घरवालों तक पहुंची होगी तो उन्होंने पुलिस अफसर बनने के उनके पहले दिन को याद किया होगा या नही! यह बात भी मुझे विचलित कर रही है कि पुलिस कप्तान ने अपनी अर्द्धगिनी से नज़र कैसे मिलाई होगी। मेरा यकीन है कि इस रात दोनों बच्चे पिता से चिपक कर सोएँ होंगे… मगर ‘लव कुमार’ ! वो कैसे सो सकते है।
भावनाएं फ़र्ज़ से बड़ी नही होती ! भारत की राजनीति अपने निरकृष्टम दौर में है। जहाँ न्याय अन्याय की बात बेमानी की लगती है। उंगली रखकर कोई बता दे एसएसपी की कोई गलती हो तो ! बस उन्होंने खाकी का मान बढ़ाया। घरों को उजड़ने से बचा लिया। रक्तरंजित करने का मंसूबा पालने वालो के बीच वो चट्टान की मानिंद अड़ गए। कलेजा मुंह को आ रहा है… कभी कभी सोचता हूँ उनकी पत्नी ने क्या कहा होगा ! आईपीएस समूह क्या कर रहा होगा ! संत सीएम का क्या रुख होगा और मैं ! मैं क्या कर सकता हूँ !
दुआ देता हूँ !अल्लाह आपको हमेशा सलामत रखे।