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23 Dec 2024, Mon

गौरक्षकों के खिलाफ राजस्थान में ही ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन

कोटा, राजस्थान

गौरक्षको की गुण्डागर्दी, आतंक और अलवर में पहलू खान की हत्या के विरोध में पहला विरोध प्रदर्शन राजस्थान के कोटा शहर में हुआ। ये प्रदर्शन एसडीपीआई ने आयोजित किया था जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन से पहले रैली भी निकाली गई जो शहर के कई इलाकों से गुज़री। इस विरोध रैली को हर वर्ग के लोगों का समर्थन मिला।

एसडीपीआई ने जुमे को कोटा में विरोध प्रदर्शन का एलान किया था। विरोध प्रदर्शन से पहले नयापुरा स्टेडियम के बाहर से विरोध रैली निकाली गई जो अग्रसेन चैराहा होते हुए ज़िला कलेक्ट्रेट पर पंहुचकर सभा में तब्दील हुई। इसमें हज़ारों की तादाद में लोग पैदल और बाइक से रैली के रूप में पंहुचे। सभी को संबोधित करते हुए एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष मो. रिज़वान खान ने कहा कि शनिवार को जयपुर मेले से दो पिकअप में सवार पांच लोग दुधारू गाय को पालने के लिए अपने गांव लेकर जा रहे थे। अलवर ज़िले के बहरोड कस्बे में सैकडों की तादाद में आतंकी गौरक्षकों ने हाईवे पर उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा और काफी देर बाद पुलिस के पंहुचने के बावजूद भी पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

मो रिज़वान ने कहा कि गाय ले जा रहे युवकों के पास पशु खरीद के दस्तावेज भी मौजुद थे लेकिन उनकी एक ना सुनते हुए उनके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। गंभीर रूप से घायल होने के बाद बहरोड के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पर 4 अप्रैल को उनमें से एक पहलू खां की मृत्यु हो गई। मृतक के भाई द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के बावजुद भी दोषियों की गिरफ्तारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हत्या करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी और इन पर पाबन्दी लगाई जाए।

पॉपुलर फ्रन्ट के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा ने कहा कि यह संगठल ना तो किसी राज्य की पुलिस का हिस्सा है और ना ही देश की किसी सेना की टुकडी, जो सरेआम अपने नियम और अपने कानून बनाकर मुसलमानों को आंतकित करने मे जुटी है। देश का हर अमन का पैरोकार नागरिक यह जानना चाहता है कि इस संगठन की कार्रवाई कौन से कानून का हिस्सा है और देश का कानून और हुकूमत इतनी कमजोर पड़ गयी हैं कि इस आतंकी संगठन पर लगाम नहीं लगा पा रही है।

एसडीपीआई के प्रदेश उपाध्यक्ष सीताराम खोईवाल ने कहा कि जबसे यूपी में बीजेपी सरकार बनी है तब से देश में मुसलमानों के ऊपर हमले व साम्प्रदायिक हमलों में अचानक तेजी आ गई है। इसी तरह राजस्थान में भी पिछले कुछ दिनों में साम्प्रदायिक घटनाएं घटी है जिन्होंने पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। ये देश की शांति व भाईचारे के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
इस मौके पर ज्ञापन दिया गया जिसमें मांग की गई है कि अलवर में हुई हत्या के ज़िम्मेदार लोगों को फांसी की सजा दी जाए। नरभक्षकों के संगठनों पर रोक लगाई जाये। पुलिस को छोड़कर अगर कोई संगठन या व्यक्ति चैकिंग करें तो उसे सज़ा दी जाए। मृतक पहलू खां के परिजन को 1 करोड़ और घायलों को 10-10 लाख रूपये मुआवजा दिया जाए। इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच एजेंसी करवाई जानी चाहिए।

विरोध प्रदर्शन में एसडीपीआई राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मो. रिजवान खान, प्रदेश उपाध्यक्ष सीताराम खोईवाल, पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा, एसडीपीआई के प्रदेश महासचिव मो. हनीफ, प्रदेश सचिव महबूब अली, जिला महासचिव नावेद अख्तर, पॉपुलर फ्रन्ट के कोटा ज़लाध्यक्ष शोएब हुसैन, ऑल इण्डिया इमाम कौंसिल के ज़िलाध्यक्ष मकसूद रजा सहित जिला कार्यकारिणी, कैडर्स व शहर के तमाम ज़िम्मेदार लोग मौजुद थे।

दादरी से अलवर तक: गौरक्षक या गौ-आतंकी