नई दिल्ली
बाबरी मस्जिद शहादत मामले में सीबीआई के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से संयुक्त ट्रायल की मांग की है। इसके साथ में ही आपराधिक षड्यंत्र पर केस चलाए जाने की भी मांग की है। सीबीआई ने कहा है कि जिन 13 लोगों के खिलाफ बाबरी मस्जिद की शहादत के मामले से बरी कर दिया गया है, उनके खिलाफ लखनऊ की बेंच में सुनवाई करने की भी मांग की है।
मालूम हो कि 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद शहादत मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत 13 नेताओं पर षड्यंत्र का मामला तय करने संबंधी सुनवाई को दो हफ्तों के लिये टाल दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्दश भी दिया था कि सभी पक्ष लिखित में अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करें।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च को अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने पूछा था कि क्यों न लखनऊ और रायबरेली की अलग अलग अदालतों में चल रहे मुकदमों का ट्रायल एक साथ किया जाये। सीबीआई ने भी कोर्ट के सुझाव का समर्थन किया था।
अगर सुप्रीम कोर्ट दोनों बीजेपी के इन नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मामला तय करती है तो इन नेताओं की मुश्किले बढ़ सकती हैं। इस वक्त विवादित जमीन मामले को लेकर को लेकर दो मुकदमे लखनऊ और रायबरेली की अदालतों में चल रहे हैं। लखनऊ का मुकदमा उन कारसेवको के खिलाफ हैं जिन्होंने बाबरी मस्जिद को शहीद किया था।