नई दिल्ली
इशरत जहां इनकाउंटर मामले में आरोपी गुजरात के डीजीपी पीपी पांडे का इस्तीफा स्वीकार करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को दी है। डीजीपी पीपी पांडे ने राज्य सरकार को एक खत लिखा था जिसमें कहा कहा गया था कि अगर सरकार चाहे तो वो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पीपी पांडे इस्तीफे का प्रस्ताव दे चुके हैं तो गुजरात सरकार द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बाद उनकी सेवा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
मालूम हो कि इशरत जहां इनकाउंटर मामले में फिलहाल डीजीपी पीपी पांडे ज़मानत पर बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के साथ ही डीजीपी पद से पांडे की विदाई तय हो गई है। पीपी पांडे इस साल 31 जनवरी को रिटायर हो रहे थे। गुजरात सरकार ने उन्हें 3 माह का सेवा विस्तार दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि पीपी पांडे ने इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया है तो गुजरात को उनके 30 अप्रैल तक दिए सेवा विस्तार के नोटीफिकेशन को रद्द करना होगा।
गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो के वकील कपिल सिब्बल ने पीपी पांडे को दिए गए सेवा विस्तार को कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि पांडे हत्या के आरोपी हैं। इस वजह से पांडे गुजरात के सबसे बड़े ओहदे पर एक दिन भी नहीं रह सकते। इसके बाद भी राज्य सरकार ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया।
मालूम हो कि 19 वर्षीय इशरत जहां समेत चार लोगों को अहमदाबाद में गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था। पीपी पांडे उस समय क्राइम ब्रांच के चीफ थे। एनकाउंटर के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया कि मारे गए लोगों के आतंकवादियों के साथ संबंध थे। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच में पाया कि यह एनकाउंटर फर्जी था। इसके बाद कोर्ट ने जांच के लिए इस केस को सीबीआई के हवाले कर दिया था।