जयपुर, राजस्थान
पूरी दुनिया में मशहूर अजमेर दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को हुए बम ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष कोर्ट ने बुधवार को स्वामी असीमानंद उर्फ नवकुमार सहित सात आरोपियों को संदेह का लाभ में बरी कर दिया। विशेष कोर्ट ने दो आरएसएस प्रचारकों सुनील जोशी और देवेन्द्र गुप्ता समेत आरएसएस कार्यकर्ता भावेश पटेल को आपराधिक षड्यंत्र समेत धार्मिक भावनाएं भड़काने के अपराध व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के अपराध का दोषी करार दिया गया। विशेष कोर्ट के पीठासीन अधिकारी दिनेश गुप्ता ने यह आदेश दिया।
मालूम हो कि इन तीन अभियुक्तों में से सुनील जोशी की 2007 में मृत्यु हो गई है। कोर्ट देवेन्द्र गुप्ता और भावेश पटेल को 16 मार्च को आपराधिक षड्यंत्र समेत अन्य अपराध में एनआईए की बहस सुनकर सज़ा सुनाएगी। कोर्ट ने असीमानंद समेत जिन सात आरोपियों को संदेह लाभ में बरी किया है उनमें भरतमोहन रतेश्वर, हर्षद सोलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा, चन्द्रशेखर लेवे और मेहुल शामिल हैं। इनमें से चन्द्रशेखर ज़मानत पर चल रहा था। कोर्ट ने बरी किए गए आरोपियों को एक लाख रुपए के मुचलके और 50-50 हजार रुपए की ज़मानतें जमा कराने का निर्देश दिया।
मुकर गए 26 गवाह
एनआईए के अधिवक्ता अश्विनी शर्मा ने बताया कि अभियोजन की ओर से करीब साढ़े चार सौ दस्तावेजों को पेश किया था। दूसरी तरफ ब्लास्ट को आरोपी की तरफ से 38 दस्तावेजों को पेश किया था। मामले में 149 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे। गवाहों में से 26 गवाह कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गए थे। अभियोजन के गवाहों के बयानों से पलटने के बाद एनआईए ने इन्हें मामले में पक्षद्रोही घोषित करवाया था।
चार चार्जशीट हुई थीं पेश
ब्लास्ट के इस मामले में कुल चार चार्जशीट पेश की गई थी। इस मामले में पहली चार्जशीट एटीएस ने पहली चाजशीट 20 अक्टूबर 2010 को नंबर 92/2010 पेश की इनमें तीन लोंगों देवेन्द्र गुप्ता उर्फ बॉबी उर्फ रमेश, चन्द्रशेखर लेवे व लोकेश शर्मा उर्फ कालू उर्फ अजय उर्फ अभय के खिलाफ पेश की। इसके बाद दूसरी चार्जशीट 27 अप्रैल 2011 को पेश की। इसमें आरोपी बडौदरा निवासी हर्षद उर्फ मुन्ना उर्फ राज, गोधरा निवासी मुकेश वासाणी के खिलाफ पेश की।
तीसरी चार्जशीट 92बी तारीख 18 जुलाई 2011 को नवकुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, भरतमोहन रतेश्वर, संदीप डांगे, रामचंन्द्र, सुनील जोशी उर्फ मनोज मास्टर माइंड, सुरेश नायर,अमित उर्फ प्रिंस उर्फ हकला उर्फ सन्नी के खिलाफ पेश की गई। चौथी चार्जशीट 92सी तारीख 29 अक्टूबर 2013 को मफत उर्फ मेहुल और भावेश अरविन्द भाई पटेल के खिलाफ पेश हुई थी।