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22 Nov 2024, Fri

शरीयत में दख़ल अंदाज़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे: ग़ुलाम बलियावी

फैसल रहमानी

गया, बिहार
शरीयत में किसी क़िस्म की दख़ल अंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर बदलाव की कोशिश की गई तो मुसलमान पूरे मुल्क में जेल भरो तहरीक चलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। धर्म की आज़ादी हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह बातें जदयू विधान परिषद सदस्य ग़ुलाम रसूल बलियावी कही।

मगध इदारा-ए-शरिया की ओर से “तहफ़्फ़ुज़-ए-शरीयत व जम्हूरियत कॉन्फ़्रेंस” का आयोजन किया गया था। इसके लाखों की तादाद में मुसलमानों ने शिरकत। कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए ग़ुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि मुसलमान पानी के बगै़र रह सकता है लेकिन शरीयत के बग़ैर वह जी नहीं सकता। हिन्दुस्तान के संविधान में ये हक़ सबको हासिल है कि हर हिंदुस्तानी अपने मज़हब के ऐतबार से ज़िन्दगी गुज़ारें।

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इस मौक़े पर इदारा-ए-शरिया मगध प्रमण्डल के अध्यक्ष मौलाना सैयद इक़बाल अहमद हसनी ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए और जनता के ध्यान को बांटने के लिए सियासती हथकण्डा अपना रही है। उन्होंने कहा कि हमें कॉमन सिविल कोड कत्तई मंज़ूर नहीं है। कॉमन सिविल कोड लागू करने से हिंदुस्तान के संविधान का भी उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि हमें देश के संविधान पर पूरा भरोसा है।

इस मौक़े पर पत्रकार अहमद जावेद ने कहा कि तीन तलाक़ एक साथ देने के रिवाज की रोकथाम के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवी आगे आएं। उन्होंने कहा कि किसी भी सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए सभी को साथ काम करना होगा।

प्रोग्राम की सदारत मौलाना सैयद इक़बाल अहमद हसनी ने किया। मंच की निज़ामत मौलाना तबारक  हुसैन ने किया। प्रोग्राम में मौलाना सबाहउद्दीन मुनामी, मुफ़्ती मुज़फ़्फ़र हुसैन, मौलाना ज़ाकिर हुसैन, प्रोफेसर बदीउज़्ज़मां, सरताज अली ख़ान एडवोकेट, मौलाना शब्बीर अशरफ़ी, मौलाना इदरीस वग़ैरह ने विचार व्यक्त किया।