कानपुर, यूपी
यूपी में सत्ताधारी नेताओं की तरफ से कानून और संविधान का माखौल उड़ाने की खबरें तो अकसर आती रहती है, पर अब ये काम सरकारी अधिकारी भी कर रहे हैं वो भी खुलेआम और लिखा पढ़ी में। इन अधिकारियों में सत्ता का ऐसा नशा छाया है कि वह सरकारी अधिकारी कम सपा कार्यकर्ता ज़्यादा दिख रहे हैं। ये अधिकारी सत्ता पक्ष के विधायक को हार से बचाने के लिए विरोधी दलों के नेताओं को रैली की इज़ाजत नहीं दे रहे हैं।
ताज़ा मामला कानपुर ज़िले का है, जहां एमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की रैली होनी थी। पार्टी के ज़िलाध्यक्ष मोहम्मद अतीक ने रैली की इज़ाजत के लिए 16 अगस्त को ज़िला प्रशासन को प्रार्थना पत्र लिखा। इसमें 28 अगस्त, 2016 को शहर के हलीम मुस्लिम कालेज में रैली करने की इजाज़त मांगी गई थी। इन पत्र में मोहम्मद अतीक ने लिखा था कि रैली के लिए सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक उन्हें इजाज़त दी जाए।
कानपुर अपर ज़िला मजिस्ट्रेट की तरफ से अतीक को 26 अगस्त को एक पत्र भेजा गया जिसमें रैली की इजाज़त देने से मना कर दिया गया। पर इस पत्र में जो लिखा गया वो संवैधानिक तौर पर पूरी तरह से गैरकानूनी दिख रहा है। इस पत्र में लिखा गया है कि सीओ सीसामऊ की तरफ से एसओ ने जांच की उसके बाद जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें लिखा है कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी सपा सरकार की योजनाओं का विरोध करते हैं। इस लिए कानपुर में उनकी रैली कि इज़ाज़त नहीं दी जा सकती है। अब सवाल ये उठता है कि क्या विपक्ष सत्ता पक्ष की किसी योजना का विरोध नहीं कर सकता है।
वहीं पुलिस उपाधीक्षक की रिपोर्ट को देखकर लगता है कि ये रिपोर्ट उन्होंने नहीं बल्कि किसी सपा कार्यकर्ता ने लिखी है। रिपोर्ट में लिखा है कि अधिकतर मुसलमानों का झुकाव सपा की तरफ है। जहां रैली होनी है वहां के सपा के विधायक इरफान सोलंकी हैं। सांसद असदुद्दीन ओवैसी की रैली होने से मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा। पत्र देखकर ऐसा लगता है कि पुलिस का एक अधिकारी सत्ता पक्ष के विधायक के लिए कितना परेशान हैं। ये अधिकारी सरकारी पत्र में ये सब लिख कर बता रहा हैं। सवाल उठता है कि ऐसा अधिकारी क्या नियमों के तहत काम कर रहा होगा। ये बात अपने आप में बड़ी बात है।
एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली जो इस समय पश्चिम यूपी के दौरे पर हैं पीएनएस न्यूज़ एजेंसी को बताया कि प्रदेश के अधिकारी सत्ता पक्ष के इशारे पर काम कर रहा है और उन्हें कानून और संविधान को ताक पर रख दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष हैदराबाद से सांसद हैं और वह देश की संसद में लगातार हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखते हैं। ऐसे में अगर यूपी के अधिकारी ऐसा जवाब देंगे तो आम लोगों के साथ क्या सुलूक करते होंगे इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
शौकत अली ने बताया कि वह इस मसले पर कानूनी राय ले रहे हैं। इसके साथ ही वह इसे चुनाव आयोग के सामने ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर ज़रूरी हुआ तो वह कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाएंगे। शौकत अली ने मांग की कि ऐसी अधिकारी के खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाए।
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