लखनऊ, यूपी
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने कहा है कि प्रदेश में समाजवादी सरकार को परिवारवादी सरकार कहा जाय तो अधिक सार्थक होगा। इस सरकार में समाज या प्रदेश का कुछ भी भला नहीं हो पा रहा है। जनता का पैसा मंत्रियों की पाकेट मनी के रूप में उड़ाया जा रहा है और योजनाओं का पैसा बंदरबांट में जा रहा है। प्रदेश में चारो ओर गुण्डाराज और धन उगाही के साथ-साथ जनता की जान माल से खिलवाड़ करने का वातावरण है। डॉ मसूद ने ये बाते यहां जारी एक प्रेस रिलीज में कहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद ने कहा कि डेंगू जैसी भयानक बीमारी की चपेट में सैकड़ों लोग आ रहे हैं और काल के गाल में समा रहे हैं। अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक है। डाक्टरों और तीमारदारों में मारपीट हो रही है। प्रदेश में हर तरफ अव्यवस्था का साम्राज्य फैला हुआ है। दूसरी तरफ सरकार सो रही है।
डॉ मसूद ने सरकार के सीनियर मंत्री पर कोर्ट की टिप्पणी को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह नैतिकता का तकाज़ा है कि मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास इस्तीफा लेने या बर्खास्त करने का साहस नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार द्वारा टोल टैक्स भी दस गुना तक बढ़ाने पर कहा कि मंहगाई बढ़ाने के रास्ते पर यह बड़ा कदम होगा क्योंकि समस्त खाने पीने का सामान भारी वाहनों से ही आता है। ऐसे में तो जनता की कमर टूट जायगी और टोल टैक्स वसूलने वालों की आमदनी दस गुनी हो जायगी।
डॉ मसूद ने कहा कि प्रदेश के हजारों गांव बाढ़ में डूबे हुये है लाखों लोग भूख से व्याकुल है जिनका हाल लेने वाला कोई नहीं है। फसलें बरबाद हो गई हैं और किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। बाढ़ का यह ताण्डव और भयानक दृष्य वर्षा के कारण नहीं बल्कि बांधों का रख रखाव न होने तथा व्याप्त भ्रष्टाचार का परिणाम है।
प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि सरकार अस्पतालों की व्यवस्था समुचित रूप में नहीं करती है और टोल टैक्स के निर्णय को वापस नहीं लेती है तो राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे जिसका उत्तरदायित्व सरकार का होगा।