अलीगढ़, यूपी
छात्र ही देश का भविष्य हैं, उन्हें सही और गलत के बीच भेद करने व देश की दशा बदलने का प्रण लेना चाहिए। दूसरी तरफ नेशनल मीडिया की रिपोर्टिंग का गिरता स्तर समाज के लिए नुकसानदेह हैं। मौजूदा समय में मीडिया टूटे फूटे तथ्यों के आधार पर अपनी खबरों को प्रसारित कर रही है। ये कहना है राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के प्रवक्ता तलहा रशादी का, जो यहां एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों की संस्था अलीगढ़ ऐक्टिविस्ट्स सोसाइटी ने यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम रखा था। ये कार्यक्रम ‘पत्रकारिता: एक अनैतिक व्यापार’ विषय पर था। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के प्रवक्ता तल्हा रशादी, तहलका के पत्रकार असद अशरफ़ और राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉक्टर अर्शी खान ने भाग लिया और अपने विचार रखे।
तलहा रशादी ने कहा कि मीडिया में बढ़ते निगमीकरण आज वह कारपोरेट जगत की कठपुतली बन गया है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि आज रिलायन्स का देश की आधी मीडिया पर कब्ज़ा है और वह मुद्दे को भटका रहा है। दूसरी तरफ मीडिया ट्रेयाल पर बात रखते हुए कहा कि किस तरह आतंकवाद के आरोप मे पकड़े जाने वाले बेगुनाह युवाओं को मीडिया बिना दोषी साबित हुए ही दोषी करार दे देती है। इसके साथ ही मीडिया उन्हें समाज का दुश्मन घोषित कर देती है। पर जब वो अदालतों से बरी हो जाते हैं तो यही मीडिया इस मुद्दे पर खामोश रहती है।
हाल ही एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल के एंकर ने पत्रकार असद अशरफ़ आतंकवाद का समर्थक कह दिया था। तहलका के पत्रकार असद अशरफ़ ने छात्रों को बताया की कैसे पत्रकारिता में अनैतिकता की सारी सीमाएँ पार की जा रही हैं। इस पेशे से जुड़े पत्रकार एक विशेष प्रयोजन के तहत तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर अर्शी खान ने भी अपना व्यख्यान दिया। उन्होंने कहा अपने अनूठे अंदाज़ में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहे राजनितिक प्रभाव से छात्रों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में ये एक गंभीर चुनौती है जिसे निपटना आसान नहीं होगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों भाग लिया।
Comment:Media ko Nishpakchh tareeke se apna imandari se kam karna chahiye warna duniyan chhorh kr her ek ko jana jaroor hai yahan ki koi cheej kam na ayegi siwaye imandari ke RUC ka karyakarta Nisar Ahmad Aligarh