नई दिल्ली
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि देश में मुस्लिम राजनीतिक दल मुसलमानों के लिए फायदेमंद नहीं हैं| मौलाना अरशद मदनी ने राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसी मुस्लिम राजनीतिक दल को बढ़ावा देने के बजाय मुसलमानों को देश में मौजूद धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुस्लिम दलों का एकजुट होना देश में सांप्रदायिक ताकतों को और ज़्यादा मजबूत करेगा। पूर्वोत्तर राज्य असम का उदाहरण देते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की वजह से राज्य में बीजेपी को मज़बूती मिली है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए अपने अपने राजनीतिक दल होने का विचार दिल से निकाल देना चाहिए।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा की मुसलमानों को भारत माता की जय कहने में कोई हर्ज़ नहीं था, लेकिन वो उन फतवों को भी ग़लत नहीं ठहराते हैं जो इसके खिलाफ दिए गये थे। मौलाना अरशद मदनी ने देश में मुस्लिम आरक्षण की ज़रुरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में वाई एस कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने पर मदद देने की पेशकश की है।