लखनऊ, यूपी
कौमी एकता दल की लखनऊ ज़िला इकाई की मासिक बैठक दारुलशफा के कॉमन हाल में हुई। इस बैठक में देश-प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता लखनऊ ज़िला यूनिट के अध्यक्ष डॉ शहज़ाद आलम ने की। बैठक का संचालन पश्चिम विधान सभा अध्यक्ष असगर अहमद ने किया।
बैठक की संबोधित करते हुए ज़िला अध्यक्ष डॉ शहज़ाद आलम ने कार्यकर्ताओं को सबसे पहले नवरात्रि की मुबारकबाद दी। उन्होंने देश के सांप्रदायिक हालात पर चर्चा करते हुए दादरी और मैनपूरी की घटना पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि देश में कुछ सांप्रदायिक ताकतें अपने निजी स्वार्थ के लिए दंगे करवा रही है। उन्होंने दादरी में एखलाक की हत्या के बारे में कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है कि सिर्फ मीट की अफवाह फैलाकर भीड़ एक इंसान का कत्ल कर देती है। शहज़ाद आलम ने सवाल किया कि कौन थे वो लोग, क्या किसी राजनीतिक दल के सदस्य थे। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस ने अभी तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की। वहीं मैनपुरी में मरी हुई गाय की खाल उतारने की बात पर सांप्रदायिक ताकतों ने दंगा फैलाने की कोशिश की। इसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है।
डॉ शहज़ाद आलम ने कहा कि ओवैसी बंधु, मोहन भागवत और प्रवीण तोगड़िया एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं और ये लोग धर्म की आड़ में अपने राजनीतिक हित साध रहें हैं। शहज़ाद आलम ने प्रदेश की जनता से सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने की अपील की, साथ ही उन्होंने लोगों से सांप्रदायिक सदभाव बनाए रखने की अपील की। डॉ शहज़ाद आलम ने केंद्र और राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाकार और ऐसे लोगों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने की बात कही।
ज़िला मीडिया प्रभारी फुरकान ख़ान ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि एकलाक की हत्या के बाद पुलिस ने कार्रवाई की जगह मीट को पहले जांच के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ऐसी सोच से क्या दर्शाता है। क्या गाय की मीट होने पर इस गंभीर अपराध को जायज़ ठहराया जाता। उन्होंने जनता से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दे और ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन में शिकायत दर्ज कराए। उन्होंने कहा कि हमें इस मुल्क की गंगा-जमुनी तहज़ीब को बरकरार रखना है। उन्होंने कहा कि जनता ही इस देश में धर्म की राजनीति करने वालों के खिलाफ आवाज़ उठाएगी और उन्हें रोकेगी।
फुरकान ख़ान ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां सभी को अपनी बात कहने का कानूनी अधिकार मिला हुआ है, लेकिन कुछ लोग इस आज़ादी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। देश में कुछ लोग भड़काऊ भाषण से वर्षों पुरानी हमारी परंपरा और सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे भड़काऊ भाषणों से देश की बुनियाद कमज़ोर हो रही है। ऐसे में अगर उनपर रोक नहीं लगाई गई तो देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हो जाएंगे। फुरकान ख़ान ने कहा कि इन्हें रोकना हम लोगों की ज़िम्मेदारी है और कौमी एकता दल जनता के बीच जाकर ऐसे लोगों को बेनकाब करेगा।
बैठक में पश्चिम विधान सभा अध्यक्ष असगर अहमद ने भी अपने विचार रखे। इस बैठक में नगर अध्यक्ष अजय गुप्ता, ज़िला महासचिव दया शंकर पाण्डेय, युवा यूनिट के अध्यक्ष जीशान अहमद रेशू, चंद्र प्रकाश ठाकुर, दीपक यादव, सोनू निगम, प्रतीक सिंह, आफताब अहमद, आदित्य यादव, इमरान, नितीश मौर्या, रितेश सिंह राजपूत, इशरत, जावेद समेत सैकड़ों कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद थे।