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24 Dec 2024, Tue

मुसलमानों की आबादी बढ़ने से आरएसएस चिंतित

रांची, झारखंड

देश में मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को देखते हुए आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जनसंख्या नीति की समीक्षा की मांग की है। आरएसएस ने मोदी सरकार से गंभीर जनसंख्या असंतुलन और विभिन्न धर्मों के बीच असमान बाल दर की समस्या को दूर करने को भी कहा है। आरएसएस नेताओं ने ये बातें राची में चल रहे अपने सम्मेलन के दौरान कहीं।

देश में जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जताते हुए आरएसएस के कार्यकारिणी मंडल ने आज एक प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह देश में संसाधनों की उपलब्धता, भविष्य की जरूरतों और जनसंख्या असंतुलन की समस्या को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या नीति को फिर से तैयार करे।

देश की जनगणना साल 2011 के मुताबिक, 2001 और 2011 के दौरान मुस्लिमों की जनसंख्या में 0.8 फीसदी की वृद्धि हुई और इस समुदाय की आबादी 17.22 करोड़ हो गई। जबकि इसी अवधि के दौरान हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ोतरी में गिरावट दर्ज की गई है।

आरएसएस के प्रस्ताव पर संगठन के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने बताया कि भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है जिसने साल 1952 की शुरुआत में ही कहा था कि वह जनसंख्या नियोजन के उपाय करेगा लेकिन साल 2000 में आकर व्यापक जनसंख्या नीति तैयार की जा सकी और जनसंख्या आयोग का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति का उद्देश्य 2045 तक स्थिर वृद्धि दर लेकिन स्वस्थ जनसंख्या का है। इसके लिए समाज के सभी वर्गों में एक समान नीति लागू की जानी चाहिए।

घुसपैठ की वजह से जनसंख्या असंतुलन
सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने आबादी के असंतुलन के लिए घुसपैठ को एक बड़ी वजह बताया। कृष्ण गोपाल ने कहा कि पड़ोसी मुल्कों से होने वाली घुसपैठ के चलते गैर हिंदुओं खासकर मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों का खासतौर पर ज़िक्र करते हुए जनसंख्या में धार्मिक असंतुलन को बड़ा खतरा करार दिया।

मुस्लिम देशहित में परिवार नियोजन अपनाएं
सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि आबादी में धार्मिक असंतुलन के चलते देश की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक पहचान पर बड़ा संकट आ सकता है और हजारिका कमेटी की रिपोर्ट इन तथ्यों की पुष्टि करती है। उन्होंने कहा कि साल 2011 की धार्मिक जनगणना के अनुसार, हिंदू, जैन, बौद्ध और सिखों की जनसंख्या घटी है, जबकि मुस्लिमों की बढ़ी है। मुस्लिम समुदाय को देश हित में परिवार नियोजन को अपनाना चाहिए।