अलीगढ़, यूपी
परचम पार्टी ऑफ इंडिया ने दादरी के बिसाड़ा गांव में हुई हत्या के विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी अध्यक्ष सलीम पीरज़ादा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता अपने कार्यालय से कलेक्ट्रट पहुंचे। वहां पहुंच कर पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन में दादरी में हुई एखलाक सैफी की हत्या पर कड़ा ऐतराज़ जताया गया है।
परचम पार्टी ने सीएम को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि दादरी के बिसाड़ा गांव में सांप्रदायिक मानसिकता से ग्रस्त फांसीवादी तत्वों ने सोची समझी साजिश के तहत भड़काऊ अफ़वाह फैलाकर न केवल एखलाक सैफी के घर में दरवाज़े, सामान को तोड़ डाला बल्कि उनकी बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी। इसके साथ ही उनके पुत्र दानिश सैफी को बुरी तरह घायल कर दिया। परचम पार्टी ऑफ इंडिया इस वीभत्स सांप्रदायिक कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करती है।
पत्र में कहा गया है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से सांप्रदायिक मानसिकता वाले संगठनों में मुसलमानों को प्रताड़ित करने की होड़ मच गई है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के इस मुद्दे पर चुप रहने से समाज विरोधी और विघटनकारी संगठनों का हौसला बढ़ रहा है। इस घटना में पुलिस और प्रशासन में व्याप्त दूषित मानसिकता को एक बार फिर उजागर किया है। घटना के बाद पुलिस ने एखलाक के हत्यारों को पकड़ने के बजाय घर में रखे मांस को फोरंसिक लैब में भेजने में अधिक तत्परता दिखाई। पत्र में आगे कहा गया है कि धारा 144 लगने के बावजूद बीजेपी और सांप्रदायिक तत्व लगातार गांव में जा रहे हैं और भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। दूसरी तरफ स्थानीय पुलिस आंखें बंद किए हुए है।
सीएम को भेजे पत्र में परचम पार्टी ने मांग की है कि बिसाड़ा कांड़ के दोषियों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। इस कांड़ की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के जज से कराई जाए। पीड़ित परिवार को उसकी इच्छा के अनुसार रहने के लिए घर उपलब्ध कराया जाए और धमकी देने वाले एसडीएम को निलंबित किया जाए। हिंदू रक्षा दल, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सनातन संस्था जैसे सांप्रदायिक संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाए। सांप्रदायिक और जातिगत पंचायतों की बैठकों को रोका जाए और सोशल मीडिया के गलत इस्तामल करने वालों को खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।