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23 Nov 2024, Sat

कुर्बानी पर पाबंदी को लेकर पुलिस पर भड़के आज़म खान

लखनऊ
प्रदेश में कुछ जगहों पर हिंदूवादी संगठनों से मिलकर पुलिस प्रशासन द्वारा मुसलमानों को कुर्बानी करने से कथित तौर पर रोके जाने संबंधी खबरों पर कैबिनेट मंत्री आज़म खान ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। आज़म खान ने त्यौहार के मौके पर मुसलमानों को परेशान किये जाने के अंदेशे पर भी चिंता जाहिर करते हुए राज्य के डीजीपी को पत्र लिखा है ।
पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में नगर विकास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आज़म खान ने कहा है कि अगर गरीब की कुर्बानी और उसकी धार्मिक आस्था का कानून में दायरे में रहते हुए पालन करना जुर्म है तो मांस निर्यात करने वाले बड़े-बड़े कारखानों को भी बंद कर दिया जाना चाहिये। आज़म खां ने रज्य के डीजीपी जगमोहन यादव को लिखे पत्र में कहा है कि बकरीद का पर्व न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। बकरीद… सम्मान और अपने मालिक के प्रति समर्पण का अनोखा पर्व है, लेकिन यह बड़े दुर्भाग्यपूर्ण की बात है कि अपने ही मुल्क में इस त्यौहार के नाम पर सांप्रदायिक ताकतें राजनीतिक लाभ के लिए लोगों के बीच नफरतें पैदा कर रही है।
कैबिनेट मंत्री आज़म खान ने कहा कि इस साल कुर्बानी को लेकर माहौल खराब करने की पूरी कोशिश की जा रही है। उससे भी ज्यादा फिक्र की बात यह है कि खुद पुलिस प्रशासन एकतरफा कार्रवाई करके कुर्बानी करने वालों को डरा कर रहा है। आज़म खां ने अपने पत्र में डीजीपी को लिका है कि ‘‘यह कहां का न्याय है कि प्रशासन द्वारा कुर्बानी करने वाले से जबरन बकरे छीन लिये जाएं और ईद-उल-अज़हा के तीन दिन गुजर जाने के बाद उन्हें वापस करने को कहा जाए।“ आज़म खान ने आगे लिखा है कि यह आपको तय करना है कि लोगों को न्याय संविधान और कानून की रोशनी में मिले। ऐसा ना हो कि इलाके का दारोगा जैसा चाहेगा, उसे वैसा कानून लागू करने की छूट होगी।’’
मालूम हो कि प्रदेश के संतकबीर नगर जिला प्रशासन ने मुसहर गांव में बकरीद पर कुर्बानी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने कुर्बानी के लिये लाये गये बकरों को छीन लिया है, और बकरीद के तीन दिन गुजर जाने के बाद वापस करने को कहा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 14 सितम्बर को इस सिलसिले में जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया था। ज़िला प्रशासन ने अभी तक आयोग को जवाब नहीं भेजा है। आज़म खां ने कहा कि देश और प्रदेश में मांस खाने वालों की संख्या मुसलमानों से कहीं ज़्यादा गैर-मुस्लिमों की है। अभी समय है कि पुलिस राज्य मुख्यालय ऐसे उपाय करे जिससे कुर्बानी की रस्म अदा करने वाले लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार से जबरन वंचित ना किया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर ईद-उल-अज़हा के मौके पर जानवरों की कुर्बानी किया जाना गलत है तो बूचड़खाने और लाखों टन मांस का निर्यात करने वाले कारखानों को भी बंद कर दिया जाना चाहिये।