12 मई की बात है. मध्य गुजरात के लोग अचानक आसमान से आती आवाज सुनकर चौंक गए. देखते ही देखते तेज रोशनी चमकी और फिर जोरदार धमाके जैसी आवाज हुई. आसमान से धातु से बनी हुई गेंदें टपकने लगीं. एक के बाद एक तीन गांवों में इस तरह की गेंदें गिरीं. पांच गेंदें गिरने के बाद धातु के टुकड़ों के गिरने का सिलसिला शुरू हुआ. इनमें से कुछ टुकड़े लोहे की पट्टी की तरह थे. कुछ टुकड़े भेड़ों के बाड़े में आकर गिरे, जिससे एक मेमने की मौत हो गई. किसी और के हताहत होने की खबर नहीं है. आसमान से टपकी इन चीजों को देखकर गांव वाले हैरान रह गए. पुलिस ने आकर सभी चीजों को इकट्ठा किया और इसरो के अधिकारियों को सौंप दिया. इसरो पता लगा रहा है कि ये चीजें हैं क्या. इस बीच अमेरिका के एक खगोलविद ने अनुमान लगाया है कि ये चीजें चीन के रॉकेट के जले हुए अंश हो सकते हैं.
12 मई से गिरनी शुरू हुईं लोहे की गेंदें
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सबसे पहले 12 मई को शाम करीब 4.45 बजे गुजरात के भलेज गांव में आसमान से धातु की रहस्यमयी गेंद आकर गिरी. काले रंग की इस गेंद का वजन करीब 5 किलो था. उसके बाद एक गेंद खम्बोलज गांव में और फिर रामपुरा में आकर टपकी. ये सभी गांव आणंद जिले के 15 किमी के इलाके में हैं. स्थानीय पुलिस के मुताबिक, इसी तरह की गेंद पड़ोस में खेड़ा जिले के चकलासी गांव में भी आकर गिरी. उसके बाद 13 मई को एक गेंद वड़ोदरा के सावली तालुका में गिरी. कई और जगह से भी ऐसी खबरें आईं. एक दिन बाद आणंद के सोजित्रा तालुका में कसोर में धातु के टुकड़े आकर गिरे. कुछ टुकड़े भेड़ों के बाड़े में गिरे, जिससे एक भेड़ की मौत भी हो गई.
पहले रोशनी चमकी, फिर तेज आवाज आई
सोमवार 16 मई को भी सोजित्रा तालुका के ही खोडियारपुरा गांव में आसमान से धातु के टुकड़े गिरने की खबर पुलिस को मिली. पुलिस के अनुसार, ये सभी चीजें धातु की बनी थीं और खाली जगहों पर आकर ही गिरी थीं. कुछ तो कीचड़ के ढेर पर आकर टपकीं. गांववालों ने बताया कि किस तरह ये टुकड़े आसमान से गिरे. एक ग्रामीण के मुताबिक, इन टुकड़ों के गिरने से पहले बहुत तेज आवाज हुई, फिर आसमान में अंधा कर देने वाली रोशनी चमकी. ये इतनी तेज थी कि कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. उसके बाद जोरदार आवाज हुई. हमने देखा तो लोहे का एक गर्म टुकड़ा भेड़ के ऊपर आकर गिरा है, जिससे उसकी तुरंत मौत हो गई.
चीनी रॉकेट का मलबा होने का अनुमान
गांव वाले और पुलिस अनुमान ही लगा रहे थे कि आसमान से टपकी ये चीजें आखिर हैं क्या. इस बीच अमेरिका के हार्वर्ड स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिक्स सेंटर के एक खगोलविद जोनाथन मैक्डॉवल ने ट्वीट करके इनके बारे में अंदाजा लगाया कि ये चीजें क्या हो सकती हैं. मैक्डॉवल का कहना था कि ये चीजें संभवतः चीन के रॉकेट चैंग झेंग 3B सीरियल Y86 की तीसरे चरण की रीएंट्री का मलबा हो सकता है. यह रॉकेट 9 सितंबर 2021 को 5500 किलो वजनी संचार सैटेलाइट को लेकर गया था. मैक्डॉवेल ने बताया कि ट्रेकिंग डेटा से पता चला है कि रॉकेट का ये मलबा इन गांवों के 100 किमी उत्तर में दिख रहा था. लेकिन यहां कैसे पहुंचा, ये सवाल खड़ा करता है. हालांकि उनका कहना था कि ये मलबा आसमान में जिस कक्षा में घूम रहा था, वो वायुमंडलीय खिंचाव के कारण बहुत तेजी से अपना रास्ता बदल रही थी. ऐसे में मुमकिन है कि मलबे के गिरने का अनुमानित स्थान बदल गया हो.
इसरो जांच में जुटा, पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट
आणंद जिले के कलेक्टर एम.वाई. दक्षिणी का कहना है कि हमने धातु की गेंद समेत सभी चीजों को इसरो की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी में भेज दिया है. उनकी जांच की जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो ने भी इस बारे में कुछ नहीं बताया है. आणंद के एसपी अजित राजन ने बताया कि एक जगह आसमान से टपकी चीज की चपेट में आकर भेड़ की मौत की खबर मिलने पर जब मौके पर पहुंची तो गांव वालों ने बताया कि मरी हुई भेड़ को कुत्ते उठाकर ले गए हैं. बाड़े के मालिक के कहने पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. किसी और के घायल होने की खबर नहीं है. राज्जन का कहना है कि पहली नजर में देखने से तो लगता है कि यह उच्च घनत्व वाली धातु के ही टुकड़े थे जो रॉकेट लॉन्च में इस्तेमाल होते हैं.