ईद का त्योहार जिले में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। दो वर्ष बाद ईद की नमाज़ ईदगाह में अदा की गई, तो नामाजियो की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। ईद नमाज़ बाद मुल्क व शहर में अमन और भाईचारे की सलामती को हजारों हाथ खुदा की बारगाह में उठे।
मंगलवार को ईद का त्योहार पुरसुकून माहौल में मनाया गया। दो वर्ष तक ईद की खुशियां कोरोना बंदिश की बेड़ियों में जकड़ी रही। लेकिन दो वर्ष बाद मंगलवार को जब ईद का त्योहार कोरोना बंदिशों से इतर मनाया गया तो सभी में उत्साह देखा गया। दो वर्ष बाद ईदगाह में ईद की नमाज़ की ललक नामाजियो को ईदगाह सुबह 6 बजे ही खींच लाई। बड़े, बच्चे सभी 7 बजे तक ईदगाह पहुंच गए। नई ईदगाह में सुबह 7:30 बजे तक ईदगाह नामाजियो से खचाखच भर गई। इसके बाद ईदगाह के बाहर सफ़े बिछाई गई लेकिन कुछ ही देर में यह सफे भी नामाजियो से भर गई। नमाजी अधिक होने के चलते नई ईदगाह में 25 मिनट देर से जमात खड़ी की गई। ईद नमाज़ बाद शहर इमाम मु़फ्ती मोअज्जम अली ने मुल्क व शहर में अमन और भाईचारे की सलामती की दुआ की। साथ ही जेलों में बंद बेकसूर लोगो की रिहाई के लिए भी दुआ की गई। पुरानी ईदगाह में मौलाना शमशाद अहमद चतुर्वेदी ने ईद की नमाज़ अदा कराई। नमाज़ बाद गंगा जमुनी तहजीब की सलामती की दुआ की गई। सुनहरी मस्जिद मौलाना सैफ अब्बास जैदी , फतेहगढ़ ईदगाह में मौलाना राशिद ने ईद की नमाज़ अदा कराई। ईद नमाज़ होने के बाद लोगो ने गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।