लखनऊ, यूपी
कोरोना महामारी न सिर्फ बड़ी संख्या में लोगों की मौत की वजह बन रही है बल्कि इंसानियत के ताने-बाने को भी तोड़ रही है। पर समाज में कई लोग ऐसे होते हैं जो फरिश्ते जैसे बन कर आते हैं और चुपके से अपना काम करके बिना शोर किए चले जाते हैं। ऐसे लोगों की वजह से ही इंसानियत ज़िंदा है।
ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ में देखने को मिला जब हिन्दु मुस्लिम एकता की नई मिसाल पेश की गई। सामाजिक कार्यकर्ता इब्राहीम खान और उनके साथियों ने एक ऐसा काम किया जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। दरअसल इन लोगों ने एक हिंदू महिला के शव का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया। ये घटना 20 अप्रैल बुधवार की है।
क्या है पूरा मामला
लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित भरत नगर में पानी की टंकी के पास मकान में एक अकेली महिला रहती थी। इस महिला का कोई वारिस नहीं था। महिला की तीन चार दिन पहले मृत्यृ हो गई पर किसी को पता नही चला। महिला की लाश को कुत्ते नोच रहे थे। ये सब देखकर पड़ोसियों ने आकिल खान को सूचना दी। इसके बाद आकिल खान ने इब्राहीम खान को पूरा मामला बताया। फिर ये दोनों अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ मौके पर पहंचे।
सड़ चुकी थी बाडी
इब्राहीम ने देखा कि हिंदू महिला की बॉडी की हालत बहुत बेकार हो चुकी थी। बाड़ी को कुत्तों ने कई जगह नोच खाया था। आसपास ने लोगों ने जब बाड़ी को देखा तो उनकी रूप कांप गई। इसके बाद इब्राहीम और उनके दोस्तों ने इंतज़ार किया कि कोई साथ आगे आये लेकिन कोई आगे नहीं आया।
इब्राहीम ने साथियों के साथ किया अंतिम संस्कार
इसके बाद इब्राहीम खान व उनके साथियों ने एक वाहन की व्यवस्था की। महिला के शव को गाड़ी पर रखा और श्मशान घाट तक ले गए। उसके बाद हिन्दू धर्म के रीति रिवाज के मुताबिक़ महिला की डेड बॉडी को ले जाकर उनका अंतिम संस्कार किया।
इब्राहीम और उनके साथियो की हर तरफ चर्चा
सोशल मीडिया पर अनुराग कन्नौजिया लिखते है कि इब्राहीम भाई और उनके साथियो ने जो काम किया वह शायद कोई नही कर सकता। वो आगे लिखते है कि मुझे गर्व है कि वो मेरे दोस्त हैं। ऐसे लोगों को दिल से सलाम। इब्राहीम और उनके कारनामे की हर तरफ चर्चा है और लोग उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं। पीएनएस मीडिया इब्राहीम और उनके दोस्तों के इस काम की सराहना करता है।