नई दिल्ली
चीनी के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र चीनी सामान पर रोक लगाने की मांग ज़ोरो पर हो रही है। इधर एक खबर बहुत तेज़ी से सोशल मीडिया पर फैलाई गई कि टेलीकॉम सेक्टर में चीनी उपकरण के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। अब सरकार की तरफ से कहा गया है कि ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है। एक चैनल को दिए गए खास इंटरव्यू में दूरसंचार सचिव से रोक संबंधी आदेश से साफ इंकार कर दिया।
चीनी टेलीकॉम उपकरण के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि इसके इस्तेमाल और चीनी कंपनियों के साथ काम नहीं रोक नहीं लगाई गई है। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि चीनी कंपनियों के साथ काम करने और चीनी उपकरणों के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
मालूम हो कि बुधवार शाम को खबर आई थी कि सरकार ने टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल यानी भारत संचार निगम लिमिटेड को अपने 4G अपग्रेडेशन प्रोग्राम में चीनी उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। दूरसंचार सचिव ने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने देश की कंपनियों से चीनी कंपनियों के साथ आगे की पार्टनरशिप को लेकर समीक्षा करने को कहा गया है। इससे मौजूदा किसी भी डील पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन कंपनियों को चिंता है कि इस फैसले से 5G ट्रायल पार्टनरशिप पर असर हो सकता है।
दरअसल देश में भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने 5 कंपनियों के साथ 5G को लेकर समझौता किया है। रिलायंस जियो ने सैमसंग के साथ 5G के लिए पाटर्नरशिप की है। इससे अगले साल की शुरुआत तक हाई स्पीड इंटरनेट सेवा की शुरुआत की जा सकती है। इस सेवा के आ जाने के बाद इंटरनेट की स्पीड दस से बीस गुना तक बढ़ जाएगी।
5जी को मोबाइल इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी माना जा रहा है, जिसकी स्पीड मौजूदा इंटरनेट स्पीड से कहीं अधिक होगी। इससे बड़े डेटा को आसानी से डाउनलोड और अपलोड किया जा सकेगा। इससे नेट सेवा मोबाइल इंटरनेट से कहीं अधिक और बेहतर होगी। यह तकनीक पूरी तरह से रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी और इससे एक साथ कई डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा।