लखनऊ, यूपी
मौजूदा दौर में मीडिया सबसे ज़्यादा संदेह के घेरे में है। एक तरफ उस खबरों के चयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ सत्ता की तरफदारी और जनता के साथ विश्वासघात का आरोप लग रहा है। दरअसल इसमें काफी हद तक सच्चाई भी है। पीएनएस मीडिया ने इस सबसे के बीच कम संसाधन होने के बावजूद सही और बिना डरे खबरों को दर्शकों के सामने लाने का लगातार प्रयास कर रही है।
इसी कड़ी पीएनएस की एक खबर का असर हुआ है। खबर के बाद कांग्रेस ने अपने रुख में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जौनपुर के भदेठी गांव के बवाल की जांच के लिए दोबारा हाई लेवल का जांच दल भेजने का फैसला किया है। इस संबंध में कांग्रेस की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया। दरअसल पीएनएस ने कांग्रेस के पहले भेजे गए जांच दल पर सवाल उठाया था। कांग्रेस ने इस जांच दल में जिले के ज़िलाध्यक्ष का शामिल नहीं किया था वहीं 10 सदस्यीय कमेटी में कोई भी मुस्लिम शामिल नहीं था। जबकि ये विवाद दलित और मुस्लिम गुट के बीच हुआ था।
पीएनएस को मिले पत्र के मुताबिक इस हाई लेवल कमेटी में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम जावेद, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व सांसद जफर अली नकवी, अखिल भारतीय कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के यूपी प्रभारी प्रदीप नरवालयूपी कांग्रेस अनुसूचित विभाग के यूपी महासचिव तनुज पुनिया समेत आठ नेता शामिल हैं।
यूपी कांग्रेस कमेटी के प्रभारी प्रशासन की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि ये दल जौनपुर के भदेठी गांव, आज़मगढ़ ज़िले के सिकंदरपुर आयमा और उबारपुर गांवों में दो पक्षों में हए विवाद की जाच करेगा। ये हाई लेवल जांच दल पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से भी मिलेगा और उनसे मौजूदा परिस्थिति के बारे में जानकारी हासिल करेगा। ये जांच दल अपनी रिपोर्ट पार्टी के सौपेगा।