प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उनके राज में देश की अर्थव्यवस्था स्थिर हो गयी है, वो सच ही तो कहते हैं। क्योंकि देश की जीडीपी की विकास दर बढ़ने का नाम ही नहीं ले रही, देश की अर्थव्यवस्था सुधरने का नाम ही नहीं ले रही।
वित्तीय वर्ष-20 की तीसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 4.7 प्रतिशत है, जबकि वित्तीय वर्ष-19 की तीसरी तिमाही में यही दर 5.6 प्रतिशत थी। यानी कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार की विकास दर 0.9 प्रतिशत कम हुई है।
ध्यान देने वाली बात है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही की विकास दर 4.5 प्रतिशत आंकी गई थी। सरकार ने इसे रिवाइज करके 5.1 प्रतिशत कर दिया है।
इसका मतलब तीसरी तिमाही की विकास दर इसी साल की दूसरी तिमाही से भी कम है। लेकिन इसके बाद भी कुछ मीडिया वेबसाइटस पर लिखा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है।
GDP की गिरावट पर ट्विटर यूज़र ऐसी तैसी डेमोक्रेसी ने तंज कसते हुए लिखा- GDP का भी आज रात 12 बजे चोरी छुपे ट्रांसफर करा दो पंजाब वगैरह कहीं।
GDP ka bhi aaj raat 12 baje chori chhupe transfer kara do Punjab wagairah kahin. https://t.co/3trQAvZayz
— Aisi Taisi Democracy (@AisiTaisiDemo) February 28, 2020
वहीँ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने लिखा- इस तरफ़ किसी का ध्यान न जाए इसलिए और दंगे कराओ जाहिलों!
इस तरफ़ किसी का ध्यान न जाए इसलिए और दंगे कराओ जाहिलों! https://t.co/zzRa2uTmsw
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) February 28, 2020
सवाल उठता है कि निर्मला सीतारमण द्वारा ब्रीफ़केस के बजाए बहीखाता इस्तेमाल करने मात्र से अर्थव्यवस्था कैसे सुधरेगी? वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के द्वारा ‘गोली मारो’ वाले भाषणों से अर्थव्यवस्था कैसे सुधरेगी? उल्टा अनुराग ठाकुर ने अर्थव्यवस्था को ही गोली मार दी है। जब नेता ही नफरत की राजनीती करेंगे, तो देश का विकास कौन करेगा?