दिल्ली के शाहीन बाग़ में प्रदर्शनकारी कुछ टीवी चैनलों के पत्रकारों को देखते ही ‘गोदी मीडिया गो बैक’ का नारा लगाते हैं। लेकिन कुछ पत्रकारों और चैनलों का स्वागत भी करते हैं और उनके सामने अपनी बात खुलकर रखते भी हैं।
हिंदी के दो चर्चित पत्रकारों ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी और न्यूज़ नेशन से जुड़े दीपक चौरसिया को भी ऐसे ही नारों का सामना करना पड़ा। दीपक चौरसिया से तो धक्कामुक्की तक की गई।
जब सुधीर चौधरी और दीपक चौरसिया के साथ ऐसा व्यवहार हुआ तो मीडिया के प्रति ग़ुस्से और नाराज़गी का सवाल उठा। लेकिन ये पहली बार नहीं था जब नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शनों को कवर करने गए पत्रकारों को भीड़ के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा हो।
इन प्रदर्शनों के दौरान मीडिया के एक वर्ग के प्रति ग़ुस्सा साफ़ दिखाई दे रहा है। कुछ चैनलों के माइक आईडी दिखते ही भीड़ ‘गोदी मीडिया गो बैक’ का नारा लगा देती है तो वहीं कई वेबसाइटों और चैनलों का शुक्रिया अदा करते बैनर भी प्रदर्शनों के दौरान दिखे हैं।
लेकिन जिस शाहीन बाग़ में दीपक चौरसिया और सुधीर चौधरी को घुसने नहीं दिया गया वहीं से आजतक की अंजना ओम कश्यप, एबीपी के श्रीवर्धन त्रिवेदी और एनडीटीवी के रवीश कुमार लाइव कार्यक्रम कर चुके हैं।