राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद वो मीडिया के सामने आए और कहा कि यूपी में एक भी पुलिसकर्मी का नाम बतौर आरोपी किसी भी एफआईआर में दर्ज नहीं है। जबकि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें बेगुनाह होने के बाद भी आरोपी बना दिया गया। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अब तक किसी भी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? ( CAA )
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सिंघवी ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस मित्र के तौर पर तैनात लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। उनके हाथों में लाठियां थीं। लेकिन उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “ऐसे भी लोग हैं जिन पर मरने के बाद भी एफआईआर हुई हैं। प्रियंका जी ने पूरे क्षेत्र में घूमकर लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस का एक डेलीगेशन मानवाधिकार आयोग पहुंचा और यूपी में जो हो रहा है उसके सबूत दिए। इसमें लगभग 9 बिंदुओं पर कमीशन को अवगत कराया गया है।” ( CAA )
आयोग को सौंपे सबूत
पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक भी एफआईआर अब तक नहीं हुई है। जिस तरह लोगों की आंख, छाती में गोलियां लगीं, उसकी भी तस्वीरें और वीडियो दिए गए हैं। हमने वीडियो में दिखाया कि पुलिस मित्र के तौर पर बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं को भर्ती कराया गया। धारा 144 के बावजूद ये पुलिस मित्र डंडे लेकर खुलेआम घूम रहे थे। इसके अलावा कमीशन को सैकड़ों नोटिस दिखाए गए, जिनमें योगी सरकार ने धमकाया है कि अगर बाहर निकले तो जेल में डाल देंगे। सिंघवी ने कहा कि आयोग जल्द इस पर कोई ठोस एक्शन ले। हमें यकीन है कि आयोग इस पर कार्रवाई करेगा। ( CAA )
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इस दौरान प्रियंका गांधी और राहुल भी सिंघवी के साथ मौजूद थे। लेकिन मीडिया को सिर्फ सिंघवी ने ही संबोधित किया। प्रियंका और राहुल बिना कुछ बोले ही वहां से निकल गए।
A delegation of Congress leaders presented the NHRC with evidence of the atrocities against the citizens of UP by the State Govt., which has gone to war against its own people. The NHRC must act decisively to protect the idea of India & the Constitutional rights of our citizens. pic.twitter.com/lR6wcOYjFv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 27, 2020
लेकिन कुछ देर बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि “कांग्रेस नेताओं के एक डेलीगेशन ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मुलाकात कर उन्हें राज्य सरकार ने नागरिकों पर जो अत्याचार किया उसके सबूत सौंपे। जो अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ने जा रहे हैं। मानवाधिकार आयोग को भारत के सिद्धांत और लोगों के संवैधानिक अधिकारों के लिए इस पर दृढ़ता से कार्रवाई करनी चाहिए।”
बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस और प्रियंका गांधी ने मानवाधिकार आयोग में योगी सरकार के खिलाफ शिकायत दी थी। इसके अलावा यूपी के राज्यपाल को भी एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें मांग की गई थी कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा की जांच हो।
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