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19 Oct 2024, Sat

नई दिल्ली

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (CPI-M) के वयोवृद्ध नेता रमेश प्रजापति ने 24 जनवरी को ज्वलनशील पदार्थ खुद पर उड़ेल कर आग लगा ली थी। प्रजापति ने रविवार रात को इंदौर के एमवाई अस्पताल में दम तोड़ दिया।

करीब 75 वर्ष के प्रजापति नागरिकता संशोधन कानून (CAA) से नाराज थे। जब उन्होंने खुद को आग लगाई तब वो CAA और NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर कुछ कागजात साथ में लिए हुए थे। 24 जनवरी को उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां डॉक्टरों ने बताया था कि वो 90 फीसदी से अधिक जली अवस्था में हैं।

पुलिस कर रही मामले की जांच
तुकोगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ नीरज कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक जांच पूरी होने के बाद ही बताया जा सकेगा कि आत्मदाह का असली कारण क्या था। श्रीवास्तव ने बताया, ‘प्रजापति के पास से CAA, NPR और NRC के विरोध में साहित्य मिला। लेकिन अभी निर्णायक तौर पर नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने इसी वजह से ये कदम उठाया। जांच जारी है, हम जल्दी ही पता कर लेंगे कि असली कारण क्या था।’

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मौत से पहले प्रजापति का बयान रिकॉर्ड नहीं किया जा सका, क्योंकि वो अस्पताल में कभी होश में ही नहीं आ सके। प्रजापति के परिवार वाले सदमे में हैं। शुक्रवार को परिवार वालों ने कहा था कि परिवार में किसी तरह का तनाव नहीं था और वो सबका बहुत ख्याल रखने वाले थे।

जागरूकता जगाने के लिए कर रहे थे प्रयास
सीपीएम नेता बलराज सरोज ने इंडिया टुडे से  कहा, ‘कारण साफ है। उन्होंने नेतृत्व से बात की थी और इन मुद्दों पर जागरूकता जगाने के लिए कदम उठाने को कहा था। उन्होंने CPI-M की ओर से प्रकाशित बुकलेट का अनुमोदन किया था और आशंका जताई थी कि ये लोगों तक नहीं पहुंच पाएगी। उन्होंने कहा था कि इश्तेहार बनवाए जिन्हें बांटा जा सके। उन्होंने खुद भी एक इश्तेहार लिखा जो आत्मदाह की कोशिश से पहले वो साथ लिए हुए थे। लेकिन हम दोहराना चाहते हैं कि उन्होंने जो किया उसे हम सही नहीं ठहराते। खुदकुशी किसी भी बात का समाधान नहीं है।’

 

By #AARECH