रामपुर, यूपी
उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक गैंगरेप के मामले सामने आते जा रहे हैं। इन केसों में एक चीज समान है कि पुलिस जल्दी से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर रही, कर भी रही है तो देर से। ताजा गैंगरेप का मामला रामपुर से आया है। यहां करीब 7 दिन पहले हुए नाबालिग से गैंगरेप मामले में पीड़िता और उसके परिवारवालों के बार-बार थाने के चक्कर लगाने के लगभग 7 दिन बाद पुलिस ने 3 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक ये मामला थाना शहजादनगर का है जो 13 जनवरी की रात का है। परिजनों के मुताबिक, पहले तो पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए पीड़ित के परिजनों की ओर से मुकदमा ही दर्ज नहीं किया। लेकिन जन पीड़िता और उसके परिजनों ने जिला प्रशासन के चक्कर लगाने शुरू किए तो पुलिस ने अपनी किरकरी होते देख 7 दिन बाद मुकदमा दर्ज कर लिया। इसी के चक्कर में पीड़िता का मेडिकल भी देरी से हो रहा है।
वहीं पीड़िता के पिता का आरोप है कि, उल्टा पुलिस ने डरा-धमकाकर आरोपियों से समझौता करा दिया। बता दें कि पीड़िता के पिता ईंट-भट्टे पर मजदूरी करते हैं। परिवार बेहद गरीब है। 13 जनवरी की रात मजदूर की नाबालिग़ बेटी के साथ भट्टे पर ही गैंगरेप किया गया, आरोपियों ने इस दौरान पीड़िता के पिता के हाथ-पैर बांध दिए थे।
पीड़िता के पिता ने मीडिया को बताया कि, “हमारे हाथ बांधकर हमारी लड़की के साथ बलात्कार किया गया। अलगी सुबह हम थाने पहुंचे लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। जबरदस्ती मार-तोड़कर हमसे फैसला ले लिया। हमसे लिखवा लिया कि हम कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते। मेडिकल कराने पर पुलिस ने कहा रेप की पुष्टि नहीं हुई तो अंदर जाओगे।”
पुलिस पीड़िता के पिता के साथ घटनास्थल पहुंची और थाने में परिजनों से करीब 3 घंटे की पूछताछ के बाद पूरी घटना को ही झूठा बता दिया। इसके बाद पीड़िता और उसके पिता अगले दिन जिलाधिकारी से मिले और पुलिस पर संगीन आरोप लगाते हुए अपने साथ हुई घटना के बारे में मीडिया को बताया।
यही नहीं पीड़िता के पिता के साथ जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और वहां मुआयना करने के बाद थाने में परिजनों से करीब 3 घंटे तक पूछताछ के बाद पूरी घटना को ही झूठा बता दिया। इसके बाद पीड़िता और उसके पिता अगले दिन जिलाधिकारी से मिले और पुलिस पर संगीन आरोप लगते हुए अपने साथ हुई घटना के बारे में मीडिया को बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस का ये हाल तब है जब मामला इतना संगीन है, पीड़ित लड़की नाबालिग है, पिता मजदूर है। इस केस में सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि आरोपी भट्टे के ठेकेदार हैं, पैसे वाले और रसुखदार हैं। हालाँकि अब पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है।