लखनऊ, यूपी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से एक याचिका पर गुरुवार को दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता और एक्ट्रेस सदफ जफर के खिलाफ दायर एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है। उन्हें 19 दिसंबर को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह प्रदर्शन स्थल से फेसबुक लाइव कर रही थीं। तब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
अदालत ने हालांकि सदफ को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के बारे में जेल अधिकारियों को निर्देश जारी करने की कोई जरूरत नहीं समझी। अदालत ने हालांकि सरकारी वकील एस पी सिंह इस दलील को माना कि जेल अधिकारी सदफ को हरसंभव चिकित्सकीय उपचार मुहैया करा रहे हैं।
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख दो हफ्ते बाद तय की है।
गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग
सदफ की बहन नाहीद वर्मा की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार-2 ने यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने प्राथमिकी को चुनौती देते हुए गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की भी मांग की। याचिकाकर्ता ने यह मांग भी की कि प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक स्तर के किसी अधिकारी से अदालत की निगरानी में कराई जाए।
महेश भट्ट, सुशांत सिंह और स्वरा भास्कर ने की रिहा करने की मांग
महेश भट्ट, स्वरा भास्कर और सुशांत सिंह जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने सदफ जफर को जेल से रिहा करने की गुरुवार को मांग की। भट्ट ने कहा कि आज़ादी के बिना ‘‘स्वतंत्र संस्थान छलावा हैं।’’ फिल्मकार ने ट्विटर पर कहा, ‘‘अगर डर के जरिये दिमाग को बेड़ियों में जकड़ दिया जाए या अशक्त कर दिया जाए तो आप किस तरह की सरकार में रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, आप प्रजा हैं, न कि नागरिक हैं।’’
Activist and actor #sadafjafar is in jail in Lucknow.. not clear why! Her friends #DeepakKabir is also in jail because he went to enquire after her.. #FreeSadaf #FreeDeepak and make UP police accountable for its excesses!
— Swara Bhasker (@ReallySwara) January 2, 2020
एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने ट्वीट किया, ‘‘कार्यकर्ता और अभिनेत्री सदफ जफर लखनऊ की जेल में हैं…स्पष्ट नहीं है कि क्यों हैं! उनके दोस्त दीपक कबीर भी जेल में हैं, क्योंकि वह उनके बारे में पूछताछ करने के लिए गए थे…सदफ को मुक्त किया जाए, दीपक को मुक्त किया जाए और उत्तर प्रदेश पुलिस को उसके अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।’’