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18 Oct 2024, Fri

त्रिपुरा के ब्रू कैंपों में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उत्तरी त्रिपुरा में सोमवार को एक 4 महीने के बच्चे की मौत के साथ ही रिफ्यूजी कैंपों में मरने वालों की संख्या 6 पर पहुंच गई है।

सोमवार सुबह हमसपरा कैंप में 4 महीने की बच्ची पिलगी रियेंग की मौत हो गई। जबकि रविवार को 1 साल की अकोशा और तीन महीने के एक बच्चे की मौत हो गई थी। रिफ्यूजी कैंपों में शरण लिए लोगों के मुताबिक ये सभी मौत भुखमरी के चलते हुई है। पिछले गुरुवार को ही नएसिंगपारा के रिफ्यूजी कैंप में रहने वाले दो लोगों की मौत हो गई थी।

इस मामले में आशपारा और नएसिंगपारा कैंपों के कुल तीन लोगों को अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है।  65 साल के रामजोय रियेंग, 60 साल के रियेंग कुम्भारबोटी और 55 साल के दोबोकुमार को अस्पताल ले जाया गया।

ब्रू रिफ्यूजियों के फोरम ने दावा किया है कि सभी मौत भुखमरी से हुई है। इस फोरम ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि सभी मौतों के लिए सरकार ज़िम्मेदार है।

MBDPF ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने इन कैंपों में रहने वाले लोगों के लिए मुफ्त राशन और मिलने वाले नकद पैसों की सप्लाई को बंद कर दिया है। जिसके चलते ये मौते हुई। MBDPF के महासचिव ब्रूनो मशा ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने अक्टूबर में मुफ्त राशन और नकद पर रोक लगा दी थी। अभी अंतिम प्रत्यार्वतन प्रक्रिया चल रही है जो कि 30 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद ही कुछ तय होगा’।

जारी है प्रत्यार्वतन की आखिरी प्रक्रिया
आप को बता दें कि त्रिपुरा में शरण लिए ब्रू समूदाय के लोगों को वापस मिजोरम भेजने की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल केंद्र सरकार प्रत्यार्वतन की 9वीं और आखिरी प्रक्रिया को अंजाम दे रही है। ब्रू समूदाय के लोग इसका लगातार विरोध करते रहे हैं। ये लोग फिलहाल मिजोरम-त्रिपुरा की सीमा पर चक्का जाम कर प्रदर्शन कर रहे है। ये लोग केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे है जिसमें सरकार ने 3 अक्टूबर से मुफ्त राशन और नकद पैसों पर रोक लगा दी थी।

अधिकारियों के मुताबिक प्रत्यावर्तन प्रक्रिया के चलते सराकर ने ये फैसला लिया है। इस प्रक्रिया के 30 नवंबर तक पूरी होने की उम्मीद है। वहीं प्रदर्शन कर रहे इन लोगों की मांग है कि सरकार मुफ्त राशन की सप्लाई फिर से बहाल करे। ये लोग पिछले गुरुवार से धरना-प्रदर्शन और बंद कर रहे है।

हालांकि मिजोरम सरकार ने सभी की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि ये लोग मिजोरम सरकार का विरोध कर रहे है। मिजोरम सरकार इन्हें वापस अपने राज्य में लाना चाहती है।

इस बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एक बार प्रक्रिया पूरी होते ही ब्रू समूदाय के रिफ्यूजियों को वापस मिजोरम भेज दिया जाएगा। 16 अक्टूबर को गृह मंत्रालय में आतंरिक सुरक्षा मामलों के विशेष सचिव  ए पी माहेश्वरी ने इसकी जानकारी दी। माहेश्वरी ने कहा था कि उत्तरी त्रिपुरा ज़िले के कंचनपुर और पानीसागर सब डिवीजन में कैंपों में शरण लिए हुए ब्रू लोगों को वापस मिजोरम भेजा जाएगा।

आप को बता दें कि फिलहाल ब्रू समूदाय के करीब 4 हज़ार रिफ्यूजियों ने त्रिपुरा के अलग-अलग राहत शिविरों में शरण ली हुई है। ये सभी लोग 1997 के बाद से जातीय संघर्ष के चलते मिजोरम से भाग कर त्रिपुरा आ गए थे।

प्रत्यार्वतन के तहत केंद्र सरकार ने 350 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है। इसके तहत मिजोरम भेजे जाने के बाद वहां पुनर्वास करने वाले ब्रू समूदाय के परिवारों को हर महीने 5 हज़ार रुपयों की आर्थिक मदद और 2 साल तक मुफ्त राशन दिया जाएगा।

अब तक राहत शिविरों में मिलता था पैसा
प्रत्यार्वतन की आखिरी प्रक्रिया शुरु होने के पहले राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों को मुफ्त राशन और नकद पैसे मिलते थे। अब तक हर वयस्क को 2।67 रुपए और एक नाबालिग को 1।33 रुपए प्रतिदिन नकद अनुदान मिलता था। वहीं राशन के रुप में चावल मिलता था।

इसके तहत एक वयस्क को 450 ग्राम चावल और एक नाबालिग को 225 ग्राम चावल मुफ्त राशन के तहत मिलता था। लेकिन 3 अक्टूबर से केंद्र सरकार ने इस व्यवस्था पर रोक लगा दी है।

By #AARECH