नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। ये प्रदर्शन पिछले हो हफ्तों से ज्यादा समय से जारी है, ना कोई शोर, ना ही किसी तरह की हिंसा। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी रोज यहां पर जुटते हैं और नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ अपनी बात रखते हैं। 31 दिसंबर, 2019 की रात भी इन प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही बताई, हजारों की भीड़ में एक मां भी मौजूद थी जो अपनी 29 दिन की बेटी को गोद में लेकर CAA के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही थीं।
शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन में मंगलवार की रात प्रदर्शनकारियों ने अपना नया साल वहां पर ही मनाया। इन्हीं के बीच रिहाना खातून अपनी 29 दिन की बेटी को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचीं। रिहाना के पति दिल्ली एमसीडी में काम करते हैं, उनके 5 बच्चे हैं जिसमें 3 बेटी और दो बेटे हैं।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जिस वक्त आप नए साल का स्वागत कर रहे तब दिल्ली के 6 डिग्री तापमान में प्रदर्शनकारी शाहीन बाग की सड़कों पर इंसाफ की अपील कर रहे थे।
‘हम सड़क पर नहीं बैठेंगे तो सरकार कैसे सुनेगी’
रिहाना खातून 17 दिसंबर से ही इस प्रदर्शन में रोजाना शामिल हो रही हैं। उन्होंने बताया कि जब उनके पति ऑफिस से घर आते हैं तो वह यहां प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आती हैं, रात 12 बजे उनके पति वापस घर आ जाते हैं। लेकिन वह अपनी 29 दिन की बेटी उम्मे हबीबा के साथ वहां पर ही डटी रहती हैं।
रिहाना खातून ने बताया कि यहां प्रदर्शनकारियों को ठंड की कोई दिक्कत नहीं आ रही है, क्योंकि कंबल-रजाई की व्यवस्था यहां पर ही की जा रही है। अपनी मासूम बच्ची को गोद में लेकर उन्होंने कहा कि अगर वह इस तरह प्रदर्शन नहीं करेंगे तो सरकार तक आवाज़ कैसे पहुंचेगी। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हबीबा बड़ी होकर पूछेंगी कि जब ये सब हो रहा था तब आप क्या कर रही थीं तो मैं क्या कहूंगी उससे? सविंधान बचाना है। इसलिए धरने पर बैठे हैं, बैठे रहेंगे।’
शाहीन बाग के इस प्रदर्शन में सबसे ज्यादा महिलाओं की भागेदारी रहती है, उनका कहना है कि क्योंकि अभी बच्चों की छुट्टी है इसलिए पढ़ाई की फिक्र भी थोड़ी कम है।
युवाओं का संकल्प- वो तोड़ेंगे, हम जोड़ेंगे
नए साल की रात हजारों युवाओं ने शाहीन बाग पर प्रदर्शन करते हुए बिताई और केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। युवाओं ने इस दौरान संकल्प लिया कि अगर वो तोड़ने का काम करेंगे, तो हम जोड़ने का काम करेंगे। यहां राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव भी पहुंचे जिन्होंने कहा कि जनवरी में युवाओं का प्रदर्शन और भी तेज़ होगा क्योंकि इस महीने स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, ज्योतिबा फुले जैसे महान लोगों की जयंती है।
बता दें कि शाहीन बाग में पूरी रात लोग CAA के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, इस दौरान यहां नुक्कड़ नाटक, देशभक्ति के गाने, शेर-शायरी और CAA पर चर्चा होती है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था और समाज के अन्य मुद्दों पर युवा एकत्र होकर मंथन करते हैं।
गौरतलब है कि इस प्रदर्शन के कारण बीते दो हफ्तों से कालिंदी कुंज होते हुए दिल्ली से नोएडा जाने वाला रास्ता बंद किया गया है, लोगों को इस बीच DND से होकर गुजरना पड़ रहा है।