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26 Dec 2024, Thu

नागरिकता सशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसात्मक प्रदर्शन के मद्देनजर लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में में इंटरनेट सेवा और टेक्स्ट मैसैज की सेवा को निलंबित कर दिया है। बता दें कि लखनऊ में कल प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया था, जिसमें एक की मौत हो गई और कई गाड़ियां को आग के हवाले कर दिया गया।

पुलिस अधिकारियों की मानें तो करीब 3505 लोगों को हरासत में लिया गया है। इनमें से 200 को लखनऊ में हिरासत में रखा गया है। राज्य के गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स और इंटरनेट प्रोवाइडर्स को शनिवार 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सर्विस और एसएमस सेवा को बंद रखने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया का अफवाह फैलाने में प्रदर्शन के दौरान इस्तेमाल हो सकता है, इसलिए एहतियातन यह फैसला लिया गया है।

इन 14 जगहों पर हैं इंटरनेट सस्पेंड:
लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बेरली, मऊ, संभल, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, उन्नाव, मुरादाबाद, प्रयागराज में इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं।

मालूम हो कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 16 पुलिसकर्मियों समेत कई 35 लोग घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा था कि उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान का ”बदला हिंसा में शामिल लोगों की संपत्ति को जब्त करके और उसकी नीलामी के जरिए लेगी। उन्होंने कहा, ”लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है।

By #AARECH