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22 Nov 2024, Fri

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर पीड़िता का शव दफना दिया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य और मंत्री कमल रानी वरुण उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के अंतिम संस्कार में पहुंची। वहीं कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि परिवार में एक लोग को उचित नौकरी, परिवार की मांग पर शस्त्र लाइसेंस और मुख्यमंत्री से मिलवाने का वादा किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई का भी आश्वासन दिया।जिसके बाद परिवार पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मान गया।

शव दफनाने से पहले पीड़िता के अंतिम संस्कार की प्रशासनिक तैयारियों के बीच मृतका की बहन ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ मौके पर नहीं आते और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन नहीं देते, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। पीड़िता की बहन ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से खुद बात करनी है। उसने यह भी कहा कि उसकी बहन की सरकारी नौकरी लगने वाली थी।

पीड़िता की बहन ने कहा कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और घटना के जिम्मेदार आरोपियों को तत्काल फांसी दी जानी चाहिए। पीड़िता के पिता ने भी कहा कि जब तक मुख्यमंत्री खुद नहीं आते, वह अपनी लड़की का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

पीड़िता का अंतिम संस्कार होने तक उन्नाव में रहे आईजी
डीजीपी ओपी सिंह ने दुष्कर्म पीड़िता का अंतिम संस्कार होने तक लखनऊ के आईजी एसके भगत को उन्नाव में ही कैंप करने को कहा। आईजी पीड़िता को दफनाए जाने तक उन्नाव में ही रुके।

दोबारा गांव पहुंचे मंत्री ने दिया 25 लाख का चेक
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शनिवार देर शाम दोबारा गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़िता के पिता को 25 लाख रुपये का चेक दिया। डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जल्द प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पक्का आवास दिलाया जाएगा। उन्होंने आवेदन भी किया था। अभी घर के नाम पर सिर्फ कच्ची दीवारों पर छप्पर रखे हैं।

रात से गांव में ही जमे सपाई
दुष्कर्म पीड़िता का शव शनिवार देर रात गांव लाया गया। पीड़िता के अंतिम संस्कार तक सपाई गांव में ही जमे रहे। इनमें एमएलसी सुनील साजन, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव व अन्य लोग शामिल हैं। भारी संख्या में ग्रामीण व पुलिस फोर्स भी मौके पर मौजूद रही।

चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जलाकर मारने की घटना को लेकर रविवार को भी पुलिस सतर्क है। शनिवार को कांग्रेस व सपा के प्रदर्शन और प्रदेश सरकार के मंत्रियों व सांसद को काले झंडे दिखाकर विरोध किए जाने के बाद थाने से लेकर पीड़िता के गांव तक पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। सतर्कता का आलम यह रहा की डीएम और एसपी के अलावा सुबह ही कमिश्नर मुकेश मेश्राम व आईजी भी घटनास्थल से होते हुए पीड़िता के घर पहुंच गए। पुलिस बल की निगरानी के लिए अधिकारी भी बराबर राउंड लेते रहे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जनपद के आसपास के जिलों की भी पुलिस को बुलाया गया।

By #AARECH