सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन कोई दस्तावेज नहीं है। यह 19 लाख या 40 लाख की बात नहीं है।
Chief Justice of India Ranjan Gogoi on Sunday backed the National Register of Citizens (NRC) in Assam, saying it was "a base document for the future".https://t.co/7OXI8ObgOS#MailToday
— MailToday (@mail_today) November 4, 2019
यह भविष्य का दस्तावेज है। इसके आधार पर लोग भविष्य के दावों को आधार बना सकते हैं। यह बात चीफ जस्टिस गोगाई ने आज पुस्तक के विमोचन के दौरान कही।
Chief Justice defends Assam NRC#RanjanGogoi #AssamNRC #NRC #PostColonialAssam #MrinalTalukdar #SupremeCourt #Assam https://t.co/rHZkl1o4Bw
— PenNews (@pennewstweet) November 3, 2019
एनआरसी आज का नहीं बल्कि भविष्य का दास्तावेज है। 19 लाख या 40 लाख बात नहीं है। यह भविष्य के लिए मूल दस्तावेज है, जो आगे चलकर लोगों के दावों का आधार बन सकता है।’ सीजेआइ गोगोई ने यह बात पोस्ट कलोनियल असम नामक किताब के लोकार्पण के दौरान कही।
मुख्य न्यायाधीश गोगाई ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से स्थिति और खराब हो गई है।
कुछ हद तक अवैध प्रवासियों की संख्या का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता थी, जो कि एनआरसी की मौजूदा कोशिश थी, न कम और नहीं ज्यादा। आपको बताते जाए कि एनआरसी को लेकर काफी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में ही तैयार की गई है।
गौरतलब है कि सीजेआइ गोगोई इसी महीने 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस एस ए बोबड़े देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बोबड़े की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। 18 नवंबर को बोबड़े इस पद पर शपथ लेंगे।
बता दें कि असम देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां एनआरसी लागू है। 31 अगस्त को राज्य में एनआरसी की आखिरी लिस्ट जारी की गई थी। इस लिस्ट में राज्य के 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। हालांकि, इन लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कई अवसर मिलेंगे।