समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज उत्तर प्रदेश को लेकर बड़ा फैसला किया है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर प्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की भेंट से प्रदेश की राजनैतिक सरगर्मी को तेज कर दिया है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से लगभग 40 मिनट तक गुफ्तगू की। इस मुलाकात को नए सियासी समीकरणों का संकेत माना जा रहा है। संभावना है कि 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव दोनों दल मिलकर लड़ें।
एसबीएसपी ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा से गठबंधन करके लड़ा था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी दोस्ती टूट गई। मंत्री रहते हुए राजभर भाजपा सरकार की लगातार आलोचना करते रहे। उनका रुठने-मनाने का सिलसिला भी चलता रहा। चुनाव परिणाम आने से बाद ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा गया था।
अब ओमप्रकाश राजभर की अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद राजभर मे सपा की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। इसका असर आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर पड़ा सकता है।
दरअसल, पूर्वांचल में कुछ ऐसी सीटों पर भी उपचुनाव होंगे जहां ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा का प्रभाव है। ऐसी संभावना है कि सुभासपा इनमें से किसी सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है।
मुलायम समेत कई नेता पहुंचे सपा दफ्तर
अखिलेश यादव के पिछले दो दिन बाहर रहने केकारण आज सपा दफ्तर पर खासी भीड़भाड़ रही। अखिलेश के कई प्रमुख नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं ने भी मुलाकात की।
मुलायम सिंह भी सपा मुख्यालय पहुंचे। उनसे भी कई नेताओं ने मुलाकात की। सपा कार्यालय पर राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्री शंखलाल मांझी, एमएलसी उदयवीर सिंह, शशांक यादव, वासुदेव यादव, लौटन राम निषाद समेत कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।
यूपी अध्यक्ष को छोड़ सपा की प्रदेश की सारी इकाइयां कीं भंग
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर, समाजवादी पार्टी की राज्य एवं ज़िला कार्यकारिणी सभी प्रकोष्ठ सहित भंग कर दी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से तीन महीने बाद और विधानसभा उप चुनाव की आहट के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी की सभी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।