नई दिल्ली,
तुगलकाबाद के संत रविदास मंदिर को तोड़े जाने के बाद यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज लोग एक साथ रामलीला मैदान से तुगलकाबाद में विरोध प्रदर्शन के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
आधे रास्ते में ही उग्र हो गई भीड़ ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की बातों को भी नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। हमदर्द चौक पहुंचते-पहुंचते भीड़ इतनी उग्र हो गई कि वहां मामला भड़क कर आगजनी तक पहुंच गया। इसके बाद तुगलकाबाद जाने की कोशिश कर रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया गया, साथ ही एकजुट हो कर विरोध कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी की गई।
कूच करने का आह्वान
रामलीला मैदान पर प्रदर्शन के बाद भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर उर्फ रावण ने समर्थकों से कहा कि आज ही रविदास मंदिर के लिए कूच करेंगे। स्थानीय लोग भी भीम आर्मी के साथ चल दिए। यह भीड़ रामलीला मैदान से रंजीत सिंह फ्लाईओवर होते हुए मंडी हाउस पहुंची।
आश्रम चौक पर जमे रहे
सुप्रीम कोर्ट के पास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। पुलिस ने भगवान दास रोड पर प्रवेश बंद कर दिया था। भीड़ इंडिया गेट होते हुए जाकिर हुसैन मार्ग पर चली गई। प्रदर्शनकारी आश्रम चौक पर करीब एक घंटे तक जमे रहे। इस दौरान पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास नहीं किया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारी रविदास मंदिर स्थल की तरफ बढ़े। पुलिस ने गोविंदपुरी में रोकने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। एक बाइक को भी आग लगा दी। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
हमदर्द चौक पर आगजनी
रामलीला मैदान के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ उग्र हो गई। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के पुतले जलाए और पुलिस के कुछ बैरिकेडों में भी आग लगाने की कोशिश की। हमदर्द चौक पर भी आगजनी हुई है। इसमें भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर भी शामिल थे।
पुलिस इंतजाम की खुली पोल
प्रदर्शन से पुलिस इंतजाम की पोल खुल गई। दलित समाज ने पहले ही आंदोलन की घोषणा कर रखी थी, लेकिन पुलिस को इतनी भीड़ का अंदाजा नहीं था। पहले जंतर-मंतर पर प्रदर्शन होना था। पुलिस ने भीड़ को देखते हुए रामलीला मैदान की तरफ जुलूस मोड़ा तो नोक-झोंक हुई। रामलाली मैदान में आठ-दस हजार लोगों की भीड़ जमा हुई तो पुलिस फोर्स को बढ़ाया गया। भीड़ अलग-अलग गुटों में बंटी हुई थी। स्थानीय समिति के आह्वान पर लोग पहुंचे थे। आप के कार्यकर्ता और नेता भी थे।
प्रदर्शन में शामिल होने देश भर से दलित पहुंचे
मंदिर तोड़ने के खिलाफ प्रदर्शन में भीम आर्मी समेत आप और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। प्रदर्शन में तकरीबन 15 हजार लोग जुटे। प्रदर्शन ने तब हिंसक रूप ले लिया, जब भीड़ ने तुगलकाबाद में उस जगह जाने की कोशिश की, जहां से मंदिर को हटाया गया था। इससे पहले देश के विभिन्न राज्यों से हजारों दलित बसों और ट्रेनों से प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में अंबेडकर भवन से लेकर रामलीला मैदान तक मार्च किया।
दलितों की आवाज का आदर हो: प्रियंका
दलितों की आवाज़ का ये अपमान बर्दाश्त से बाहर है। यह एक जज़्बाती मामला है उनकी आवाज का आदर होना चाहिए।#SaveSantRavidasTemple
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 22, 2019
भाजपा सरकार पहले करोड़ों दलित बहनों-भाइयों की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक रविदास मंदिर स्थल से खिलवाड़ करती है और जब देश की राजधानी में हजारों दलित भाई-बहन अपनी आवाज़ उठाते हैं तो भाजपा उन पर लाठी बरसाती है, आँसू गैस चलवाती है, गिरफ़्तार करती है।#SaveSantRavidasTemple
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 22, 2019
मायावती ने विरोध जताया
कुछ दिनों पहले बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा था कि दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बना संत रविदास मंदिर केंद्र व दिल्ली सरकार की मिली-भगत से गिरवाए जाने का बसपा ने सख्त विरोध किया। इससे इनकी आज भी हमारे संतों के प्रति हीन व जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है।