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22 Nov 2024, Fri

लखनऊ, यूपी

उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह का मंगलवार तड़के लखनऊ में निधन हो गया। उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रायबरेली के लालूपुर लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।

कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे
जानकारी के अनुसार अखिलेश सिंह लंबे समय से कैंसर से लड़ाई लड़ रहे थे और उनका इलाज सिंगापुर में भी चला। बताया जा रहा है कि नियमित जांच के लिए वह लखनऊ के पीजीआई आए, जहां तबियत बिगने पर उन्हें एडमिट होना पड़ा और मंगलवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली।

बेटी संभाल रही विरासत
उनकी मौत से पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। अखिलेश सिंह का जन्म 15 सितंबर 1959 में हुआ था। अखिलेश सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह रायबरेली की राजनीति के बेताज बादशाह थे। उनकी विरासत उनकी बेटी अदिति सिंह संभाल रही हैं। 2017 में जब मोदी लहर में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दर्ज की तो, उसके बीच भी अदिति ने रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीता और विधायक बनीं।

पीजीआइ में उनका इलाज प्रो.देवेंद्र गुप्ता के देख रेख में कई विशेषज्ञों की टीम कर रह थी। तमाम कोशिश के बाद भी सुधार नहीं हो रहा था। मंगलवार की भोर करीब 4:00 बजे उनकी मौत हो गई। उनके निधन से जिले में शोक की लहर है। मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने उनके न‍िधन पर शोक व्‍यक्‍त क‍िया है।

RAEBARELI FORMER MLA AKHILESH SINGH PASSES AWAY AT LUCKNOW PGI 5 200819

अखिलेश सिंह का शव उन उनके पैतृक गांव लालूपुर चौहान लाया गया, जहां उनका पार्थिव शरीर जनता के दर्शन के लिए रखा गया है। पैतृक गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अखिलेश सिंह कांग्रेस के एक समय बड़े नेताओं में शुमार थे। गांधी परिवार से बीच में उनके रिश्ते खराब हुए थे। उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सदर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर अपनी बेटी अदिति सिंह को चुनाव लड़ाया था। वे लंबे मार्जिन से जीती थी। इधर बीते करीब दो-तीन सालों से अखिलेश सिंह बीमारी के कारण राजनीत‍ि में सीधे दखल नहीं रखते दिखाई द‍िए।

RAEBARELI FORMER MLA AKHILESH SINGH PASSES AWAY AT LUCKNOW PGI 2 200819

लालूपुर गांव में पूर्व विधायक अखिलेश सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के ल‍िए फूलों से सजे वाहन में रखा गया। भारी भीड़ के साथ उनकी शव यात्रा शहर में न‍िकली। अंतिम दर्शन के लिए बस अड्डा स्थित उनके अस्थाई आवास पर पार्थिव शरीर रखा जाएगा। तत्पश्चात शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर डलमऊ गंगा तट पर ले जाया जाएगा।

RAEBARELI FORMER MLA AKHILESH SINGH PASSES AWAY AT LUCKNOW PGI 3 200819

कांग्रेस से शुरू किया था सियासी सफर
अखिलेश सिंह रायबरेली  से पांच बार विधायक रहे हैं। उन्होंने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया था। राकेश पांडेय हत्याकांड के बाद अखिलेश सिंह को कांग्रेस से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद भी कई बार निर्दलीय विधायक चुने गए। 2012 के चुनावों से पहले पीस पार्टी जॉइन की थी।

RAEBARELI FORMER MLA AKHILESH SINGH PASSES AWAY AT LUCKNOW PGI 4 200819

दबंग छवि के नेता
रायबरेली सदर विधानसभा से विधायक रहे अखिलेश सिंह दबंग छवि के नेता माने जाते थे। 15 सितंबर 1959 को जन्मे अखिलेश सिंह का सियासी सफर नवंबर 1993 में तब शुरू हुआ, जब वह कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से वह तीसरी बार 14वीं विधानसभा के सदस्य चुने गए। आपराधिक मामलों को लेकर 2003 में कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया जिसके बाद से वह कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते रहते थे। सितंबर 2016 में अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह कांग्रेस में शामिल हो गईं यानी इतने लंबे समय के बाद इस रूप में अखिलेश सिंह की कांग्रेस में वापसी हुई।

अख‍िलेश स‍िंंह का राजनीत‍िक सफर 
दबंग छवि वाले पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने 90 के दशक में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की और विधायक बने। कांग्रेस पार्टी से विवाद के चलते पार्टी छोड़ी फिर निर्दलीय विधायक बने। 2011 में पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने और 2012 में पार्टी के विधायक बने। अपनी मर्जी के मालिक विधायक अखिलेश सिंह ने 2014 में पीस पार्टी से विद्रोह कर पार्टी तोड़ दी और विधायक बने रहे।

2016 से विधायक ने कांग्रेस पार्टी में अपने संबंधों का उपयोग करते हुए अपनी बेटी अदिति सिंह को कांग्रेस में शामिल करवाया और 2017 के चुनावों में बेटी को सबसे ज्यादा वोटों से जितवा कर रिकॉर्ड कायम किया। रायबरेली भले ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है लेकिन जब विधायक अखिलेश सिंह ने पार्टी छोड़ी तो रायबरेली सदर विधानसभा सीट से उनके अलावा कोई दूसरी पार्टी का नेता जीत नहींं सका।

By #AARECH