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20 Oct 2024, Sun

लखनऊ, यूपी

‘मेरे पति को पड़ोसियों द्वारा मारा-पीटा गया। हमें ईसाई होने की वजह से कई दिनों से प्रताड़ित किया जा रहा है। पड़ोसी कहते हैं कि उनके इलाके में किसी ईसाई को नहीं रहने देंगे।’ ये बयान किसी विदेशी महिला का नहीं बल्कि लखनऊ में रहने वाले एक ईसाई दंपति का है। जिनकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई।

CHRISTIAN FAMILY BEATEN IN LUCKNOW FORCED TO LEAVE THAKUR DOMINATED LOCALITY 1 240719

दरअसल बीते सोमवार को लखनऊ के चिनहट इलाके में दो परिवारों के बीच विवाद सामने आया। इसमें एक परिवार इसाई है और दूसरा ठाकुर बिरादरी से है। नंदी कॉलोनी में रहने वाले दोनों पड़ोसियों के साथ मारपीट की गई। यही नहीं बल्कि इसाई परिवार पर ये दबाव बनाया गया की वो कॉलोनी छोड़ दें।

पीड़िता प्रोमिला पॉल के मुताबिक, कॉलोनी में सिर्फ उनका ही परिवार इसाई है, इस घटना के बाद मुझे मेरे पति और बच्चों की फ़िक्र होने लगी है। हमने पुलिस से कई बार इस बारे में शिकायत की मगर पुलिस ने कोई ठोस एक्शन नहीं लिया।

CHRISTIAN FAMILY BEATEN IN LUCKNOW FORCED TO LEAVE THAKUR DOMINATED LOCALITY 1 240719

जिसकी वजह है कि आरोपी के पिता पुलिस में सब इंस्पेक्टर है और वो मुझपर सुलह करने का दबाव बना रहे है। पीड़िता ने बताया कि आरोपी अशोक के बेटे ने मेरे साथ मारपीट की और मेरे कपड़े भी फाड़ दिए। इस मामले में मुख्य आरोपी शुभम को गिरफ्तार किया गया है। मामले में आईपीसी की धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस के अनुसार दोनो पक्षों के बीच लड़ाई की वजह दोनों परिवारों के बुजुर्ग पुरुष थे। इनमें से एक ठाकुर समुदाय का और दूसरा ईसाई समुदाय का है। इसी वजह से दोनों परिवार के बच्चों के बीच झगड़ा हुआ मीडिया से बातचीत करते हुए पीड़ित महिला प्रोमिला पॉल ने बताया कि मेरे पति को पड़ोसियों द्वारा पीटा गया। हमें ईसाई होने की वजह से कई दिनों से परेशान किया जा रहा है। पड़ोसी कहते हैं कि वो हमें इस इलाके में नहीं रहने देंगे।

CHRISTIAN FAMILY BEATEN IN LUCKNOW FORCED TO LEAVE THAKUR DOMINATED LOCALITY 1 240719

ये घटना राजधानी लखनऊ के चिनहट की है जहां से मुख्यमंत्री आवास कुछ ही किलोमीटर पर है। ऐसे में अगर एक अल्पसंख्यक परिवार ही सुरक्षित नहीं तो बाकी शहरों में रहने वाले अल्पसंख्यक परिवार कैसे सुरक्षित होंगे? ये बड़ा सवाल है। क्योंकि सीएम योगी अपराध मुक्त प्रदेश की बात करते है मगर असल हालात तो अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमले बयान कर रहे है।

By #AARECH